शर्मिला बोहरा जालान चित्रकार कहानीकार हैं। उनकी कहानियों का चित्रकार बड़ा है और उसका कैनवास भी। शर्मिला की कहानियाँ सम्हल-सम्हलकर, कलम से कसे गए…
आगे पढ़ें »वरिष्ठ आलोचक रवीन्द्र त्रिपाठी पुस्तक समीक्षा: राकेश तिवारी का उपन्यास 'फसक' Fasak - Novel by Rakesh Tiwari राकेश तिवारी का उ…
आगे पढ़ें »आज के इस संस्मरण के साथ विनोद जी ने कहा है कि यह अंतिम कड़ी है। मैं संस्मरण का घोर प्रेमी हूँ, मानता हूँ कि संस्मरण हमें वह बातें समझाते हैं…
आगे पढ़ें »प्रेमचंद के फटे जूते हरिशंकर परसाई Premchand’s Torn Shoes - Harishankar Parsai हरिशंकर परसाई "प्रेमचंद के फटे जूते" वरिष्…
आगे पढ़ें »रोम की यादें — विनोद भारद्वाज संस्मरणनामा न जाने क्या बात है इटली की स्त्रियाँ बहुत आसानी से मेरी दोस्त बन जाती हैं, उन्होंने मुझे इ…
आगे पढ़ें »बिसात पर जुगनू वंदना राग का उपन्यास Bisat Par Jugnu by Vandana Rag वंदना राग का उपन्यास 'बिसात पर जुगनू'. वरिष्ठ आलोचक श्री …
आगे पढ़ें »कुबेर दत्त और पीने की कुछ अन्य यादें — विनोद भारद्वाज संस्मरणनामा मेक्सिको की चर्चित चितेरी फ्रीडा काल्हो ने कहा था, मैंने अपने दुख दर्द…
आगे पढ़ें »दरअसल, हिंदुस्तान छोटे-छोटे उन क़िस्सों का देश है जो इसके निवासियों की तरह ही मासूम है। और हिंदुस्तान के बाशिंदों को ही, अपनी मासूमियत के बी…
आगे पढ़ें »तिलोका वायकान नवल शुक्ल की पुस्तक Tiloka Waikan by Naval Shukla श्री नवल शुक्ल की पुस्तक “तिलोका वायकान”, हिन्दी का पहला नृतत्व शास्…
आगे पढ़ें »विनोद जी लेखन में इतने बहुत वरिष्ठ हैं, उन्होंने इतना देखा लिखा है, इसलिए, यह तो नहीं कह सकता कि उनके संस्मरणों में निखार आ रहा है. लेकिन, …
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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