जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा : समीक्षा: मृदुला गर्ग : अमर उजाला देवदत्त पटनायक एक प्रासंगिक और उपयोगी काम कर रहे हैं एक सटीक अनुवादः …
इतना बुरा सिला श्री नरेंद्र मोदी जी की इज्ज़त बढ़ गई होती अगर, वह काशी में हुए हादसे के तुरंत बाद बनारस जाने की तत्परता दिखाते और जाने की…
जय माता दी! जो इसे शेयर नहीं करेगा उसकी ट्यूब लाइट लुपलुपाती रहेगी। दिमाग़ की बन्द बत्ती खोलने के इस आसान तरीके का फायदा उठाने से न चूकें! …
निर्माल्य — डॉ. सच्चिदानंद जोशी मंच पर जैसे ही कलाकार के नाम की घोषणा हुइ, मै भौचक्का रह गया। कल से जिसे मैं लड़की समझ रहा था, वो लड़का…
मासूम कहानियाँ जिनमें इंसानियत अपने रोज़मर्रा के रूप में नज़र आती रहती है, उन्हें पढ़ना न सिर्फ एक मुस्कान दिए रहता है साथ ही स्फूर्ति भी देता है.…
हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये हो पिता का फ़र्ज़ निभाने। अरे कॉलेज जा पहुंचे हैं बच्चे तुम्हारे। …