An Era of Darkness प्रजातन्त्र से परिचित कराने का ब्रिटिश दावा Dr Shashi Tharoor Part I Part II Part III Could Englishmen murde…
आगे पढ़ें »An Era of Darkness प्रजातन्त्र से परिचित कराने का ब्रिटिश दावा Dr Shashi Tharoor Part 1 Part II Dr Shashi Tharoor — An Era of Darkn…
आगे पढ़ें »भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) की युवा मीडिया एजुकेटर लेखक विष्णुप्रिया पांडेय लिखने का शौक़ और कथक नृत्य में रूचि रखती हैं. आइये विष्णुप्रिया की …
आगे पढ़ें »अश्विन सांघी वह पब्लिक इन्टलेक्चूअल हैं जिनकी बात सबको सुननी चाहिए। अश्विन के तर्क असली होते हैं, और शायद यही कारण है कि असलियत से दूर भागते ल…
आगे पढ़ें »An Era of Darkness प्रजातन्त्र से परिचित कराने का ब्रिटिश दावा Dr Shashi Tharoor Part 1 डॉ शशि थरूर की अवश्य पढ़ी जाने वाली किताब …
आगे पढ़ें »डॉ शशि थरूर की अवश्य पढ़ी जाने वाली किताब ' An Era of Darkness/अन्धकार काल ' के अंश, एक ज़रूरी अध्याय ' प्रजातन्त्र, प्रेस, संसदीय प्…
आगे पढ़ें »कवि राजेंद्र राजन जी की इन कविताओं को पढ़ने के बाद... कुछ कवि अपना धर्म निभा रहे हैं और बाकियों को कवि कहा, सोचा ही क्यों जाए! भरत एस तिवारी/ श…
आगे पढ़ें »Hindi Story 'Shatranj ke Khiladi' — Munshi Premchand मुंशी प्रेमचंद की हिन्दी कहानी शतरंज के खिलाड़ी
आगे पढ़ें »भारतीय उपक्रमी महिला श्रृंखला, जानिये कश्मीर की आरिफा जान (Arifa Jan) को। युवा पत्रकार श्वेता यादव की रिपोर्ट। महिलाओं के लिए आर्थिक रूप से…
आगे पढ़ें »छोटी बच्चियों का, बेटियों का ख़ुद को बचा कर भागना क्या हमेशा ज़ारी रहेगा? कुसुम भट्ट की कहानी ' नदी की उँगलियों के निशान ' पढ़िए। पहाड़ो के कहा…
आगे पढ़ें »इस आखिरी किस्त के साथ विनोद भारद्वाज जी की किताब यादनामा पूरी हो गयी है। इसका उप-नाम है, लॉकडाउन डायरी, कुछ नोट्स, कुछ यादें । जल्दी ही किताब भी स…
आगे पढ़ें »विनोद जी अपने संस्मरणों में, इसके पिछले लेखन (जापान वाले 'साकुरा की यादें') से, खूबसूरत कवि-से हो गए हैं! उनके इस सौन्दर्य भरे परिवर्तन से उ…
आगे पढ़ें »Photo credit: Monia Merlo (https://www.thegreengallery.com/en/issue-1/portfolio) साकुरा, मुझे फिर बुलाओ, मेरे पास आओ, एक अदृश्य चुंबन दो मुझे, …
आगे पढ़ें »और फिर वह हॅंसी फिर उभरी आश्वस्त करती / थोड़ा ताजा थोड़ा नम / ‘‘ और ठीक हो न / कुछ लिखते भी हो / मैंने पढ़ा था शायद.........’’ रघुवंश मणि की कविता…
आगे पढ़ें »अनुपम मिश्र की पुस्तक 'विचार का कपड़ा' की समीक्षा और चर्चा description वरिष्ठ आलोचक श्री रवींद्र त्रिपाठी के साथ, अनुपम मिश्र की पुस्…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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