Is Sahitya Akademi President Under Pressure ? अराजकता का लाइसेंस नहीं स्वायत्ता ~ अनंत विजय साहित्य अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठ…
आगे पढ़ें »बची हो जो गर थोड़ी ग़ैरत एक ग़ज़ल - भरत तिवारी न इंसानियत का निशाँ ही बचेगा न काबा न मंदिर न गिरजा बचेगा बची हो जो गर थोड़ी ग़ैरत …
आगे पढ़ें »कलबुर्गी रेसोल्यूशन भारतीय संस्कृति का बहुलतावाद बाकी दुनिया के लिए अनुकरणीय - विश्वनाथ प्रसाद तिवारी प्रस्ताव साहित्य अकादे…
आगे पढ़ें »Kalburgi Resolution Maintain the ambience of peaceful coexistence in the societies Sahitya Akademi to Center and States Take Immed…
आगे पढ़ें »साहित्य अकादमी ने प्रो० कालबुर्गी की हत्या की निंदा की साहित्य अकादमी ने प्रो० कालबुर्गी की हत्या की निंदा की है और उनकी हत्या और बढ़ती असहिष…
आगे पढ़ें »प्रश्न अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अपूर्व जोशी केंद्र सरकार बुद्धिजीवी समाज की एकजुटता से कम से कम यह संदेश पाने में सफल रही कि लोकतंत्र क…
आगे पढ़ें »किस तरह संसद सदस्य पाठक ने शादी के आश्वासन के साथ श्यामा को यौन संबंध के लिए राज़ी किया और कैसे वह लगातार जनसेवा और लोक छवि की दुहाई देकर शादी से ब…
आगे पढ़ें »पैगाम-ए-सियासत क्या कहिए… ~ प्रेम भारद्वाज वे सम्मान लौटा रहे हैं / नहीं, वे प्रतिरोध की गोलियां दाग रहे हैं... चरम निराशा की अवस…
आगे पढ़ें »वरिष्ठ साहित्यकार चित्रा मुद्गल जी की शब्दांकन से हुई बातचीत का हिस्सा ... प्रतिरोध की ताक़त कलम ~ चित्रा मुद्गल असहिष्णुता और असह…
आगे पढ़ें »अथ चालू पुरस्कार प्रकरण - दिविक रमेश वे लेखक सबसे खतरनाक हैं जो न इधर बोल रहे हैं न उधर, बस मौन हैं पर पूछता हूं कि उनसे समझदार कौन …
आगे पढ़ें »वर्तमान साहित्य साहित्य, कला और सोच की पत्रिका वर्ष 32 अंक 10, अक्टूबर , 2015 सलाहकार संपादक: रवीन्द्र कालिया | संपादक: विभूति…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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