अब जब कि पंकज सिंह नहीं हैं - कुमार मुकुल अब जब कि मेरे प्रिय कवि पंकज सिंह हमारे बीच नहीं हैं उनकी कविताओं के निहितार्थ नयी अर्थवत…
आगे पढ़ें »रुका हुआ लम्हा - रमा भारती कवि के लिए चाँद से मुहब्बत ठीक वैसी ही मोहब्बत होती है जैसी उसकी अपनी मुहब्बत, जिसमें दूरी होते हुए भी नहीं …
आगे पढ़ें »सफल होती विदेश नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार संसद में जीएसटी बिल पास कराने में भले ही सफल न हो सकी हो, उच्च एवं उच्चतम न्यायालय के न्यायध…
आगे पढ़ें »रूसी हमारे प्रधानमंत्री के सम्मान में राष्ट्रगान पेश कर रहे थे, मोदी जन-गण-मन की धुन ही नहीं पहचान पाए और आगे चल पड़े। उन्हें बांह पकड़ कर रोका गया…
आगे पढ़ें »'शब्द साधक शिखर सम्मान' वरिष्ठ कथाकार मन्नू भंडारी को दिया जाएगा इंडिपेंडेंट मीडिया इनीशिएटिव सोसायटी | पाखी हिंदी साहित्य का …
आगे पढ़ें »नए कबीर की खोज में - डॉ॰ रमा description सच कहूँ तो यह उपन्यास मेरे पास समीक्षा के उद्देश्य से आया ही नहीं था। किसी ने यह कहकर कर प…
आगे पढ़ें »अल्पना मिश्र, वंदना राग, मनीषा कुलश्रेष्ठ, शरद सिहं और इंदिरा दागीं बेहतर लिख रही हैं - चित्रा मुद्गल चित्रा मुद्गल जी का ‘सामयिक सरस्वत…
आगे पढ़ें »कितना आसान होता है - किसी कहानी को दौड़ते-हुए पढ़ जाना और फिर उसे खारिज़ या बहुत-अच्छी-कहानी कह देना. वादा कीजिये - कहानी को भागते-भूगते नहीं पढ़ेंग…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
Social Plugin