#हिंदी_दिवस : गली - गली में धूम मची है अंग्रेज़ी की भारत में अब - प्राण शर्मा | #HindiDiwas Pran Sharma


प्राण शर्मा

गली - गली में  धूम मची  है अंग्रेज़ी  की  भारत में अब
सब के मनों में सोच बसी  है अंग्रेज़ी  की भारत में  अब

घर - घर में अब  अंग्रेज़ी के पत्र - रिसाले क्यों ना आएँ
घर - घर में अब  अंग्रेज़ी  के  पोथे - वोथे क्यों ना भाएँ

सब अंग्रेज़ी में लिखते  और  अंग्रेज़ी   में  लिखवाते  हैं
बच्चों  को   भी  अंग्रेज़ी    में  पढ़ते  देख  के  हर्षाते  हैं

यूँ तो सभाओं में हिंदी  की  यश - गाथा गायी जाती है
हिंदी  भारत  के  माथे  की   बिंदी  बतलायी  जाती  है

काश कि बेचारी हिंदी की  चाल नज़र आये सब को ही
काश  कि  बेचारी  का  हाल  नज़र  आये  सब  को  ही

हिंदी  के  अधिकार समूचे काश कोई तो दिलवा पाता
हिंदी  को  रोज़ी  की  भाषा  काश कोई तो बनवा पाता

००००००००००००००००

एक टिप्पणी भेजें

2 टिप्पणियाँ

  1. बहुत सुन्दर रचना ... ये सच है की इंग्लिश भाषा का ज्ञान होना चाहिए पर साथ में अपनी भाषा को जानना सबसे पहले जरूरी है ...
    प्राण साहब की एक बेहतरीन रचना ...

    जवाब देंहटाएं

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
थोड़ा-सा सुख - अनामिका अनु की हिंदी कहानी
मन्नू भंडारी की कहानी — 'रानी माँ का चबूतरा' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Rani Maa ka Chabutra'
मन्नू भंडारी: कहानी - एक कहानी यह भी (आत्मकथ्य)  Manu Bhandari - Hindi Kahani - Atmakathy
मन्नू भंडारी की कहानी  — 'नई नौकरी' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Nayi Naukri' मन्नू भंडारी जी का जाना हिन्दी और उसके साहित्य के उपन्यास-जगत, कहानी-संसार का विराट नुकसान है
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل