राष्ट्रवाद और देशभक्ति में अंतर को समझना जरूरी ~ शशि थरूर
आगे पढ़ें »Amrit Rai, the younger son of Munshi Premchand मानव मन की विसंगतियों, परतों, अंधेरों, उजियारों का जैसा ज्ञान अमृतराय को है वह अमृत राय की रचनाओं में…
आगे पढ़ें »वाजिद अली शाह: एक लखनवी - एक हिंदुस्तानी — दुष्यंत इश्क़ मिज़ाज, संगीत और नृत्य आदि कई वाजिब वजहों से वाजिद अली शाह को याद किया जाता है, वे…
आगे पढ़ें »शब्दों का संसार — शशि थरूर खलीज टाइम्स के संपादक ने जब मुझे शब्दों और भाषा के ऊपर स्तम्भ लिखने के लिए आमंत्रित किया तो मैं तोड़ा झिझका। शब्दों के…
आगे पढ़ें »गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विकास से ही भारत का विकास संभव है। - डॉ पीएस वोहरा भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी एक दीर्घकालीन वैश्विक पहचान है जो कि भारत की स…
आगे पढ़ें »भारतीय गांव और उपन्यास का नॉर्मेटिव स्पेस — डॉ. कविता राजन
आगे पढ़ें »अश्विन सांघी वह पब्लिक इन्टलेक्चूअल हैं जिनकी बात सबको सुननी चाहिए। अश्विन के तर्क असली होते हैं, और शायद यही कारण है कि असलियत से दूर भागते ल…
आगे पढ़ें »यूनुस ख़ान की यह स्मृति-आख्यान मात्र एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि इरफ़ान ख़ान की आँखों और आत्मा से झाँकने की कोशिश है। उनके अभिनय, संघर्ष, और अदायगी…
आगे पढ़ें »कालाहांडी की यह हांड कंपाने वाली घटना जिसमें रिश्ते में भाई ने बहन के साथ कौटुम्बिक व्यभिचार किया. विकास की परतें दिखाती यह रिपोर्ट, वरिष्ठ …
आगे पढ़ें »प्रताप भानु मेहता का अंग्रेज़ी लेखन मेरे लिए हिन्दुस्तानी अंग्रेज़ी लेखकों में सबसे बेहतर है. पीबीएम के न सिर्फ़ विचार और टिप्पणियाँ गहरी…
आगे पढ़ें »नक्सलवाद की समस्या लिखते एवं समाधान तलाशते अमरेंद्र किशोर की आगामी पुस्तक "ये माताएं अनब्याही हैं" के हर अंश को आप कम से कम पढ़ते ज़…
आगे पढ़ें »अमरेंद्र किशोर , वरिष्ठ पत्रकार की हर रिपोर्ट वह ज़रूरी कागज़ है जिसे देखा जाना चाहिए. इन कागज़ों को देखते हुए नक्सलवाद समस्या को न सिर्फ़ समझा…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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