मार्क्सवाद का अर्धसत्य के बहाने एकालाप — पंकज शर्मा अनंत ने पूरी दुनियाभर के जनसंघर्षों को एक नया आयाम प्रदान करने वाले महानायक के निजी जी…
आगे पढ़ें »निश्चित ही हरेक के पास पूरी आजादी है कि वह किस विचारधारा को अपनाए। लेकिन किसी को भी यह अधिकार नहीं कि अपनी विचारधारा को पोषित करने के लिए तथ…
आगे पढ़ें »अवध नारायण मुद्गल की बेमिसाल कहानी "और कुत्ता मान गया" मैं जब साहब के घर से फाइलें लेकर काफी रात गए अपने घर लौटने लगता हूँ, कु…
आगे पढ़ें »DP Tripathi Dies, DP Tripathi, a big literary figure of politics, Senior NCP Leader Passes away हाल ही में हिंदी को वर्तमान राजनीति में उसक…
आगे पढ़ें »दुःख या सुख कई जगहों से आता रहता है और जाता भी रहता है - शर्मिला बोहरा जालान समीक्षा: जयशंकर की प्रतिनिधि कहानियां दुःख या सुख कई जगहो…
आगे पढ़ें »'आईना साज़' — अनामिका — उपन्यास अंश ज़रूरी है कि दुनिया की सारी ज़ुबानों के शब्द मुल्कों और मज़हबों के बीच की सरहदें मिटाते हुए …
आगे पढ़ें »Chhapaak Review: छपाक से देखो छपाक हर उस युवती की फिल्म है जिसने कुछ कर दिखाने का सपना देखा है Chhapaak Review: दीपिका और मेघना …
आगे पढ़ें »दिल्ली, इन्द्रप्रस्थ से शाहजहांबाद तक — नलिन चौहान दिल्ली हिंदुस्तान की राजधानी है। यह अकेला ऐसा शहर है, जिसका इतिहास देश के इतिहा…
आगे पढ़ें »जेनयु हिंसा: नए दुश्मन तलाशती सर्वनाशी राजनीति — प्रताप भानु मेहता यह तिहरे अर्थ में सर्वनाशी है. मीडिया के सहयोग से गृह मंत्री के ब…
आगे पढ़ें »विनीता शुक्ला जी को पहली दफ़ा पढ़ा है. पढ़कर इस बात की ख़ुशी है कि देशज भाषा का सुन्दर प्रयोग करते हए लिखी गयी सबल कहानी पढ़ने का आनंद मिला. भरत ए…
आगे पढ़ें »शर्मिला बोहरा जालान की कहानी ‘ई-मेल’ | Heart touching story in Hindi by Sharmila Bohra Jalan... शर्मिला बोहरा जालान किसी कहानी को कहने से पहल…
आगे पढ़ें »पगली कहीं की — संजय कुंदन गरिमा की नींद एक तेज आवाज से टूटी थी। लगा जैसे बगल के कमरे में किसी ने कुछ पटका हो। तो क्या विजय जाग गया है?…
आगे पढ़ें »अब यूपी को भी इंटरनेट बंदी की आदत होते जा रही है...रवीश कुमार दिल्ली के टीवी स्टूडियो थीम और थ्योरी की बहस में चले गए हैं, जबकि ग्राउंड पर …
आगे पढ़ें »उस दिन शायद पहली बार मैंने अपने पिताजी से पूछा था, "बाबा ये हिंदू क्या होता है ?" बाबा हँस दिए थे बस। दूसरे दिन यही बात मैंने जुबेर …
आगे पढ़ें »साहित्यिक-राजनीतिक वजहों से उपेक्षित कर दी गई धर्मवीर भारती की कहानी 'गुलकी बन्नो' अपनी कथावस्तु, विन्यास और विलक्षण विवरणात्मकत…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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