एक चट्टान गिरती है खामोशी की नींद में (कहानी की हर बात झूठ हो सकती है पर हर झूठ की डबल सच्चाई है...) टि्वंकल रक्षिता [ट्विंकल रक्षिता, गया जिले…
आगे पढ़ें »'जन्म-जन्मांतर', विवेक मिश्र के उपन्यास का अंश तेज गति वाले उपन्यास मुझे पसंद आते हैं। वह उपन्यास भी जो बहुत लंबे नहीं होते लेकिन, जिनकी पकड़…
आगे पढ़ें »आलोचक, कवि, प्रो रघुवंश मणि को कहानियाँ ज़रूर लिखनी चाहिए। उनकी नई कहानी 'शुभ्रवस्त्रा' पढ़िए, आप भी शायद मेरी बात से सहमत होंगे। ~ सं० यह एक…
आगे पढ़ें »मंजुल भगत जी की आज 22 जून 2022, को 86वीं जयंती है। उन्हे नमन और उनकी छोटी बहन, हमसबकी प्रिय मृदला गर्ग का शुक्रिया कि उन्होंने मंजुल भगत जी का यह बे…
आगे पढ़ें »तनाव वाली कहनियों के बीच सुखद बयार है प्रिय कहानीकार योगिता यादव की कहानी 'भाप'। जिस तरह प्रिय ममता कालिया जी की कहानियाँ हौले से पाठक के भी…
आगे पढ़ें »क़मर वहीद नक़वी (Qamar Waheed Naqvi) भारत के सम्मानीय पत्रकार हैं और उनके चाहने वाले हर वर्ग से आते हैं। पिछले दिनों उन्होंने एक लम्बी (थ्रेड) ट्वीट…
आगे पढ़ें »कथाकार अखिलेश की कहानी 'अँधेरा' 21वीं सदी की तान पर टूटने वाली लंबी कहानी है। "वजूद" "यक्षगान" और "ग्रहण" के स…
आगे पढ़ें »अखिलेश समकालीन हिन्दी कहानी के मन-मिज़ाज और उसकी एक अलग पहचान को गढ़ने, बनाने और बदलने वाले महत्वपूर्ण कथाकार हैं। नब्बे और उसके के बाद की हिन्दी कहान…
आगे पढ़ें »माधव हाड़ा की महत्वपूर्ण किताब 'सौनें काट न लागै - मीरां पद संचयन' की ज़रूरी समीक्षा की है रा. उ. मा. वि. आलमास, भीलवाड़ा, राजस्थान के प्राध्…
आगे पढ़ें »रवीश कुमार जब कुछ कहते हैं तो कुछ, या किसी को बख़्शते नहीं हैं। एंकर नविका कुमार के कार्यक्रम में बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद …
आगे पढ़ें »दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में रिसर्च स्कॉलर दिव्या तिवारी लिख रही हैं मुजीब रिज़वी की किताब ‘सब लिखनी कै लिखु संसारा: पद्मावत और जायसी की द…
आगे पढ़ें »मृदुला गर्ग के उपन्यास चित्तकोबरा का 'इडिशंस बैन्यन' से फ्रेंच संस्करण CHITTAKOBRA, Le cobra de l'esprit (चित्तकोबरा, कोबारा दे ले'इ…
आगे पढ़ें »अपना देश, अपना मुल्क कितनी बड़ी नियामत है यह! पर हम अभागे बिना देश के हैं। कौन समझेगा इस पीड़ा को? कौन समझेगा घर का बिस्तर, घर की गलियां छोड़ने का द…
आगे पढ़ें »रेणु हुसैन की कविताएं इधर बहुत निखरी हैं। पढ़ने में वह आनंद मिल रहा है जो हिन्दुस्तानी कविता की भाषा में होना चाहिए। और, विचारों के धरातल की फलक ख़…
आगे पढ़ें »हिन्दी जगत के प्रिय, वरिष्ठ कवि व पत्रकार कुलदीप कुमार की सात कविताएं माँ पर। इनमें से में पहली दो कविताएं प्रो. नामवर सिंह द्वारा 1976 में 'आलो…
आगे पढ़ें »चिन्मयी त्रिपाठी की कविताएं हमारे आसपास के संसार को खुर्दबीन से देखती हैं, और साधारण आँखों से नहीं दीखने वाली बारीकियों को पकड़ कर जब हमारे सामने ला…
आगे पढ़ें »गुलज़ार साहब को कैसे भी पढ़िए, उनके शब्दों की चमक सबसे जुदा, चमकदार और सटीक होती है। उनके गद्य में भी नज़मों की रवानगी होती है। शब्दांकन पर आप पहले भी …
आगे पढ़ें »Rashmi Sharma is getting Shailpriya Smriti Samman today
आगे पढ़ें »किसी को बुखार तो किसी को खराश, किसी को गले में दर्द तो किसी को तीनों परेशानियां हो रही हैं। कई को पेट में दर्द, जलन, पेट में मरोड़, डायरिया, उल्ट…
आगे पढ़ें »शब्दों को प्यार से चुनकर जोशना कविताएं बुनती हैं। उनकी कविताओं में एक नई कसावट है। जोशना बैनर्जी आडवानी की कविताओं पर बातचीत होनी चाहिए। फ़िलहाल, कव…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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