और फिर वह हॅंसी फिर उभरी आश्वस्त करती / थोड़ा ताजा थोड़ा नम / ‘‘ और ठीक हो न / कुछ लिखते भी हो / मैंने पढ़ा था शायद.........’’ रघुवंश मणि की कविता…
कविताओं का होना, उनका लिखा जाना बर्बर समय में संवेदनाओं के बचे रहने का सुखद संकेत है। ऐसे ही संकेतों के बिम्ब सर्वेश त्रिपाठी की 'नई क़…
माउंट एवरेस्ट से वापसी में नामचे बाजार से फाकडिंग (Phakding) को नीचे उतरते हुए जब आखरी बार आमा दब्लम (Ama Dablam) चोटी को देखा था, तब, …
रंजीता सिंह की प्रेम कवितायेँ उन तमाम मुश्किलों, जिनमें जीवन अपने वजूद को बचाने का फिक्रमंद हो, के बीच प्रेम की साँस का चलते रहना भी उसी फ़…
हिंदी पोएट्री: नौ नवम्बर व अन्य अनामिका अनु की कवितायेँ Hindi Poetry, Anamika Anu. अनामिका अनु की इन कविताओं को आपके सामने लाने के पहले…
अच्छी कवितायेँ Hindi Poetry युद्ध में हूँ जीवट की यह बेला है हर योद्धा युद्ध में अकेला है सुदूर कहीं, गिरी-कंदराओं में दिव्यदी…
रघुवीर सहाय की ये 5 बेहतरीन अंतिम कविताएँ उनके मरणोपरांत प्रकाशित अंतिम कविता संग्रह 'एक समय था' से हैं. संग्रह के संपादक सुरेश…
Love Poems in Hindi हम जानते हैं, जिसका अतीत नहीं होता, उसका भविष्य भी नहीं होता। जो केवल वर्तमान में रहता है, वह किसी प्रकार का रचनात्मक…
जी मैं भारत माता हूँ — जाज़िब ख़ान देखिये ऐसा न हो, छूट जाए आपसे, इस आपाधापी-काल में हमारे सबसे युवा क्या सोच क्या लिख रहे हैं. शुक्रिया …
हिंदी की लंबी कविता 'इंसान भी कपड़ों सरीखा है / समझे क्या? ' — राजिन्दर अरोड़ा इंसान भी कपड़ों सरीखा है समझे क्या? हम कपड़…
आसमान खुला तो नहीं था उस वक्त भी लेकिन बचपन की यादों में शायद धुआं नहीं होता पंकज राग की कविता पटना: ‘ढूंढ़ोगे अगर मुल्कों मुल्कों’…
बाकी बहुत ज़्यादा बातें तो मैं जानती नहीं, पर जो समझ पाती हूं वो और है और जो समझाई जाती हूं वो और है... अंडा-करी और आस्था दाम…
... जगह दो थोड़ी सी इस वक्त़ की हबड़ातबड़ी में इस दुनियादारी के जंजाल में ... निधीश त्यागी की भाषा में एक बेहतरीनपन है, जो…
बस 2 मिनट बोलो :: असग़र वजाहत बस 2 मिनट बोलो 2 मिनट में अपना सारा दुख सुख अपनी व्यथा अपना दर्द अपना भूत और अपना भविष्य कह डालो 2 …
भगोड़े स्वर्ग में छिपे हुए हैं और हम उन्हें नर्क में खोज रहे हैं... स्वप्निल श्रीवास्तव, कविता में आज... कविताओं में भाषा के रोल स…