महात्मा गांधी के प्रिय भजनों में से एक ईसाई प्रार्थना ‘एबाइड विद मी’ को इस साल बीटिंग द रिट्रीट समारोह से हटा दिया गया है
आगे पढ़ें »ये मॉडल है कि पहले आपको अंधकार में रखना, फिर आपको चुनाव के समय जागरुक घोषित कर आपकी प्रतिक्रियाओं से उस अंधेरे का विस्तार करना। अभी नहीं तो बीस साल …
आगे पढ़ें »जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन अब 5 से 14 मार्च 2022 को किया जायेगा ऑन ग्राउंड प्रोग्राम का आयोजन 10 से 14 मार्च को क्लार्क्स आमेर में होगा प्…
आगे पढ़ें »युवा रचनाकार दिव्या श्री का परिपक्व होता लेखन उनकी कहानी 'प्रेम गली अति सांकरी' के माध्यम से हिन्दी साहित्य के पाठकों को एक अच्छे लेखक के आग…
आगे पढ़ें »कवि और कविता हमें सच से भागने से रोक सकते हैं? वैसे सवाल तो यह होना चाहिए, हम सच से भागते क्यों हैं? लेकिन, यह भी है कि हम उमा शंकर चौधरी की इन कवित…
आगे पढ़ें »मौत का एक दिन मुअय्यन है नींद क्यूँ रात भर नहीं आती मिर्ज़ा ग़ालिब का यह शेर बड़े दर्दनाक रूप में जयश्री रॉय की कहानी 'गुलमोहर' पर सही बैठता ह…
आगे पढ़ें »हमारी बेटियों का बचाव डिजिटल पढ़ाई में हो रहे बड़े लिंग विभाजन से भी हो डॉ शशि थरूर
आगे पढ़ें »खीसे निपोरते सरदारों को सीख देना मुझे बख़ूबी आता था। मैंने चुपचाप अपने पड़ोसी सरदार के सामने से (पता नहीं बल्ब वाले (खुशवंत सिंह) थे या बिना बल्ब वाले…
आगे पढ़ें »डॉ शशि थरूर का लेख: किसी परीकथा से भी आगे है सोनिया गांधी की जीवनकथा, जो गुजरी है बेहद दुरूह रास्तों से! सोनिया गांधी की असंभव कहानी! साभार नवजीव…
आगे पढ़ें »वरिष्ठ कहानीकार महावीर राजी की एक सुंदर कहानी 'शिनाख़्त' पढ़िए। महावीर राजी की कहानी शिनाख़्त
आगे पढ़ें »स्मृति: मन्नू भंडारी 1931-2021 ~ ममता कालिया
आगे पढ़ें »रानी माँ का चबूतरा मन्नू भंडारी की कहानी ‘खातिर हम क्या करेंगे काका, बच्चों को सुलाते-सुलाते देर हो गई।’ फिर बूढ़ी काकी की ओर घूमकर बोली, ‘काकी, क…
आगे पढ़ें »मन्नू भंडारी जी का जाना हिन्दी और उसके साहित्य के उपन्यास-जगत, कहानी-संसार का विराट नुकसान है। मन्नूजी अपने लेखन द्वारा महिलाओं को प्रदान अमिट आवाज़…
आगे पढ़ें »जैसे-जैसे मृदुलाजी के इन संस्मरणों को पढ़ता जाता हूँ, उनके, हिन्दी साहित्य की स्त्रियों के प्रति सम्मान बढ़ता है। भारत की महिलाओं को 'स्त्री विमर्…
आगे पढ़ें »अधजले पटाखे बटोरने वाली पीढ़ी ~ रघुवंश मणि वर्ष: १९७४, दीपावली। स्थान : फैजाबाद, चौक और उसके आसपास। समस्त पात्र काल्पनिक हैं।
आगे पढ़ें »दिव्या श्री, कला संकाय में स्नातक कर रही हैं। बेगूसराय बिहार की दिव्या श्री कविताएं लिखती हैं और अंग्रेजी अनुवाद में रुचि रखती हैं। उनकी कविताएं प्र…
आगे पढ़ें »मृदुला गर्ग जी का आज (25/10/21) जन्मदिन है। उन्हें ढेरों शुभकामनाएं। आनंद लीजिए उनके संस्मरण 'बल्ब वाले सरदारजी' के इस अंश का, जिसमें वह लिख…
आगे पढ़ें »किसी एक व्यक्ति के सुख से न तो खेतों में हरियाली छा जाती है, न उसके दुख के ताप से खेत, नदियां तालाब सूख जाते हैं। जब मन में पीड़ा का आलोड़न हिलोरें ले…
आगे पढ़ें »हमने हर तरह की बातें की पर रचना का ज़िक्र छिड़ने पर पंडिताई पर नहीं उतरे; ख़ुशदिल रचनाकार बने रहे। सफ़र में ऐसे लोगों का साथ सुकूनदेह होता है, अपने कहे …
आगे पढ़ें »समीक्षा सरदार उधम फ़िल्म कला का नायाब नमूना 'सरदार उधम' — फुरक़ान खान आतंकवादी और क्रांतिकारी में बड़ा फ़र्क़ होता है। क्रांतिकारी हो…
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