हिन्दी जगत के प्रिय, वरिष्ठ कवि व पत्रकार कुलदीप कुमार की सात कविताएं माँ पर। इनमें से में पहली दो कविताएं प्रो. नामवर सिंह द्वारा 1976 में 'आलो…
चिन्मयी त्रिपाठी की कविताएं हमारे आसपास के संसार को खुर्दबीन से देखती हैं, और साधारण आँखों से नहीं दीखने वाली बारीकियों को पकड़ कर जब हमारे सामने ला…
गुलज़ार साहब को कैसे भी पढ़िए, उनके शब्दों की चमक सबसे जुदा, चमकदार और सटीक होती है। उनके गद्य में भी नज़मों की रवानगी होती है। शब्दांकन पर आप पहले भी …
Rashmi Sharma is getting Shailpriya Smriti Samman today
किसी को बुखार तो किसी को खराश, किसी को गले में दर्द तो किसी को तीनों परेशानियां हो रही हैं। कई को पेट में दर्द, जलन, पेट में मरोड़, डायरिया, उल्ट…
शब्दों को प्यार से चुनकर जोशना कविताएं बुनती हैं। उनकी कविताओं में एक नई कसावट है। जोशना बैनर्जी आडवानी की कविताओं पर बातचीत होनी चाहिए। फ़िलहाल, कव…
कितनी खुशी होती है जब कविता के नाम पर कविता ही पढ़ने को मिलती है। आइए, सुवन चन्द्र की इन अच्छी कविताओं का आनंद उठाइए। ~ सं०
सुंदर बदन सुख सदन श्याम को सूरदास का भजन / अश्विनी भिड़े-देशपांडे का गायन सूरदास के प्रस्तुत भजन को अश्वनी जी की मनमोहक आवाज़ में हमेशा सुनता र…
खुशवन्त सिंह - खुशवन्त सिंह की कहानियां - खुशवन्त सिंह किस्से Khushwant Singh Ki Kahaniyan खुशवन्त सिंह से हम वाकिफ़ हैं और हममें में से बहुत उनकी …
अब किसी पुस्तक के कितने संस्करण छपते हैं और कितने दिनों के अंतराल पर छपते हैं और कितनी प्रतियाँ छपती हैं, यह मुद्दा नहीं है बल्कि, दो-चार-दस-बीस प्र…
कन्हैयालाल मुंशी ने 1938 में भारतीय विद्याभवन की योजना को मूर्त रूप देने का का दायित्व मुनि जिनविजय को सौंपा। वे इसके पहले मानद निदेशक बनाए गए। वि…
सियार देवता का रहस्य (पार्ट २) सत्यजित रे
सियार देवता का रहस्य सत्यजित रे
विनोद कुमार शुक्ल:
Priya Sarukkai Chabria Poetry Translated by Dr Rekha Sethi
असग़र वजाहत का नाटक 'ईश्वर-अल्लाह' | Asghar Wajahat's Play 'Ishwar-Allah' ईश्वर-अल्लाह (नाटक) असग़र वजाहत
दिल्ली विश्वविद्यालय में शोधारत युवा रचनाकार ऋत्विक भारतीय एम.ए, एमफिल हैं। प्रस्तुत हैं वैलेंटाइन डे पर विशेष उनकी कुछ प्रेम कविताएं। ऋत्विक भारत…
मृदुला गर्गजी की कहानियों का संग्रह ‘सम्पूर्ण कहानियाँ’ राजकमल प्रकाशन से आया है। उसकी भूमिका में मृदुलाजी ने कहानियों, उपन्यासों की रचनाप्रक्रिया क…
इस बदलते जग में बस तुम्हीं तो हो जो साथ हो अटल हो तुम, अचल हो तुम न साथ मेरा छोड़ना तुम मेरे पास रहो
लमही का जनवरी-जून (संयुक्तांक) विशेष अंक कथाकार और एंथ्रोपॉलजिस्ट प्रबोध कुमार के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित हैl कुछ लोग प्रबोध कुमार के …