सिने-सोहबत अमर सिंह चमकीला धार्मिक कट्टरपंथियों की राजनीति और दमित कामुकता पर इम्तियाज़ अली का एक धारदार व्यंग्य ::पंकज दुबे मशहूर बाइलिंग्वल…
वरिष्ठ साहित्यकार हृषीकेश सुलभ के उपन्यास 'अग्निलीक' की सुंदर समीक्षा करते हुए, आलोचकों को ज़रा घेरते हुए, गीताश्री अपने कॉलम 'गीताश्री क…
विवाह में जब पति की उम्र कुछ ज़्यादा हो और पत्नी की कम हो तो ऐसे में उस दंपति के वैवाहिक, दैहिक संबंध किस दौर से गुज़रते होंगे, एक स्त्री के नज़रिये स…
खूबसूरत गद्य पाठक की कमज़ोरी होता है। यदाकदा उसकी यह तलाश गीताश्री भी अपने बेहतरीन लेखन से पूरी करती रहती हैं। शब्दांकन की इस नई सीरीज़ ' गीताश्री…
विष्णु नागर को निराला स्मृति सम्मान आज दिया जाएगा। इस मुबारक मौक़े पर पढ़िए पल्लव लिखित सुंदर-सुंदर गद्य ‘नागर के संमरण’ जिसमें वे चेताते हुए लिखते …
अपने प्रिय मित्र कथाकार-पत्रकार ईशमधु तलवार को 14 अक्टूबर, उनके जन्मदिन पर याद कर रहे हैं प्रेमचंद गांधी। इशमधु तलवार का बहुत प्रेममयी व्यक्तित्व थ…
साहित्यकार कविता का लघु उपन्यास या लंबी कहानी ‘अलबेला रघुबर’ बार-बार इतनी ‘अपनी’ — किसी खोह से निकलता अपना जीवन हो जाती है कि इस पाठक ने इसके मार्मिक…
बाज़दफ़ा कहानीकार भी जिस कहानी को कहने जा रहा होता है उसके जाल में फंस जाता है, आप भी फँसिए --युवा कहानीकार अणुशक्ति सिंह की कहानी 'अमरबेल' पढ़ि…
पढ़िए डॉ निधि अग्रवाल की एक अच्छी व कलात्मक कहानी 'पाँचवें पुरुष की तलाश में' ! ~ सं०
बाबू लोग बड़ी जात उनके पानी से डरते थे पर अनूठी बात उनकी बालाओं पर मरते थे हरे प्रकाश उपाध्याय की कविताएं कुछ-कुछ अदम गोंडवी की ग़ज़लों सरीखा, हमें खबर…
‘धीरा’ सधी हुई कहानी है। विजयश्री तनवीर की कहानियों में वह प्रवाह और शैली है जो आपको फैन बना सकती है। पढ़िएगा और अपनी प्रतिक्रिया भी ज़रूर दीजिएगा ~ भ…
उमा शंकर चौधरी की कहानी ‘इत्ता-सा टुकड़ा चाँद का’ उस विकास के मॉडल का सच हमें दिखाने की कोशिश कर रही है जहां बच्चों के पनपने जगह ही नही है। क्या आ…
हिन्दी साहित्य की दुनिया (कहीं-कहीं तथाकथित) में विचरण करते करते वहाँ के निवासी भूल जाते हैं कि हिन्दी की एक और दुनिया है जो उनकी वाली से बड़ी है। कथ…
कभी रेत के ऊँचे टीलों पे जाना घरौंदे बनाना बना के मिटाना वो मा'सूम चाहत की तस्वीर अपनी वो ख़्वाबों खिलौनों की जागीर अपनी न दु…
'सप्तपर्णी' फूल की शैतानी खुशबू (इसके पेड़ को अंग्रेज़ी में 'डेविल्स ट्री' भी कहते हैं) से मोहित होकर, मैंने 2018 में फेसबुक पर लिखा थ…
"मेरे ख़्याल से हिन्दी साहित्य जगत में फ़्लर्ट करने की कला, सिर्फ दो जन जानते हैं, राजेन्द्र यादव और मनोहर श्याम जोशी।" मृदुला गर्ग की लि…
वैसे तो अनेक पुरुष लेखक स्त्री को समझने की बात करते हैं, उसकी तरफ़ से लिखते हैं लेकिन प्रभात रंजन की ‘हंस’ में प्रकाशित कहानी ‘शनेल नंबर-5’ उस लेखकीय…
अच्छा हुआ कि मित्र विवेक मिश्र से उनका मन्नूजी वाला यह इंटरव्यू मांग लिया। यह दरअसल एक टिपिकल इंटरव्यू नहीं है इसमें मन्नू भंडारीजी ने कई बातों का ख…
मजबूत और सच्ची बात मसलन — "गांवों के चूल्हे की सोंधी महक/और शहर की फैक्टरी की दुर्गंध/मुझे इतना पागल नहीं करतीं/कि मैं कहूं गाँव शिक्षित हो चुक…
अनामिका अनु के गद्य में बहुत रस होता है, इस आलेख में प्रेम की बात हो रही और वह और रसमय हो चला है। आनंद उठाइए ~ सं0 विचार और शब्द की जिज्ञासा, चुंब…