पंखुरी सिन्हा कवि तो अच्छी हैं ही एक अच्छी कहानीकार भी बन गई हैं। पढ़िए 'बिफिया उर्फ़ लव जिहाद का ग्रह वृहस्पत' मधुर आंचलिक भाषा और सुंदर दृश्…
आगे पढ़ें »वरिष्ठ साहित्यकार मृदुला गर्ग ने यहाँ जो अनुभव साझा किया है वह सच में हौलनाक है। नुसरत ग्वालियारी का शेर याद आया - "रात के लम्हात ख़ून…
आगे पढ़ें »जयंती रंगनाथन वरिष्ठ पत्रकार हैं, उनके नए उपन्यास मैमराज़ी का प्रस्तुत अंश रोचक है और इशारा है कि उपन्यास मज़ेदार होगा। जयंती जी और प्रकाशक हिन्दी यु…
आगे पढ़ें »रीता दास राम अपनी इस ईमानदार कहानी ‘रंगीन होते ख़्वाब’ में लिखती हैं: कोई झेल पाता है कोई नहीं। बस आत्म-सम्मान ज़िंदा रहे। उसके बिना चलना ज़िंदा मौत …
आगे पढ़ें »भूमिका द्विवेदी अश्क की साहित्यिक यात्रा का 2023 दशक वर्ष है। उनकी पहली कहानी 2013 में प्रकाशित हुई थी। भूमिका के 'श्रीमती अश्क' यानी श्री उ…
आगे पढ़ें »उन कथाकारों को भी पढ़ता चलूँ जिन्हें अबतक इसलिए नहीं पढ़ पाया क्योंकि, वे मेरे पढ़ना शुरू करने के पहले लिख गए थे। उपेन्द्रनाथ अश्क बड़े लेखक रहे हैं उनक…
आगे पढ़ें »रवींद्र कालिया का हिन्दी कहानी को जीवित और प्रफुल्लित रखने में अनमोल योगदान रहा है। हाल ही में उनके द्वारा संपादित ‘नया ज्ञानोदय’ का एक प्रेम महाविश…
आगे पढ़ें »विज्ञान में पीएचडी अभिषेक मुखर्जी ने गीताश्री के उपन्यास क़ैद बाहर (राजकमल प्रकाशन) की समीक्षा पूरे हृदय से लिखी और अच्छी हिन्दी से सजाई है। उन्हे और…
आगे पढ़ें »कहानी के पात्रों में बढ़िया भोलापन दिखाया है कहानीकार ने। रवानगी भी अच्छी बन पड़ी है। पढ़िए "ड्राइव टाइम कॉल" विनीता अस्थाना की कहानी। ~ सं0
आगे पढ़ें »दर्द हो मेरा, दवा भी हो... समीक्षा: उपन्यास (इरा टाक) 'लव ड्रग' कमलेश वर्मा
आगे पढ़ें »मेरे हाथ अख़बार का कागज़ था जिसमें मुझे समय के दो कान काट कर रखने थे अजायबखाना में रखे कीमती पत्थरों का मोह मुझसे अब तक न छूट सका मगर मैं कश्मीर से …
आगे पढ़ें »"संगीता के युवा मन में पीढ़ियों की जड़ें गहरी हैं। इन कविताओं को पढ़कर ऐसा लगता है संगीता संकेत में कुछ कह रही हैं।" जिस पुस्तक की समीक्षा …
आगे पढ़ें »दामिनी यादव की कविताओं की आग से ज़ेहन को बेधने वाली चिंगारियाँ निकल रही होती हैं। पढ़िए उनकी दो ताज़ा कविताएं ~ सं०
आगे पढ़ें »कहानी का समय कोरोना से हो रहे विस्थापन का है लेकिन कहानी कुछ और है, हमारी स्त्रियों की मजबूती की है और अच्छी है पढ़ लीजिए, युवा रचनाकार सरिता निर्झ…
आगे पढ़ें »हद है कि अनाचार होता रहा है हद है कि अनाचार हो रहा है हद है कि अनाचार देख रहे हैं हद है कि ख़ामोश हैं हद है कि सोचना मुल्तवी है सभी आस लगाये दे…
आगे पढ़ें »समीक्षा / गांधी और सरला देवी चौधरानी : बारह अध्याय / अलका सरावगी Book Review / Gandhi Aur Saraladevi Chaudhrani : Barah Adhyay/ Alka Saraogi स्वत…
आगे पढ़ें »अच्छी फ़िल्मों को देखना बहुत ज़रूरी (और साहित्यिक) होता है। यह तब और अच्छा हो जाता है जब गीताश्री सरीखा संवेदनशील लेखक किसी ऐसी फिल्म को देख, फ़िल्म की…
आगे पढ़ें »लक्ष्मी शर्मा की कहानी ‘इला न देणी आपणी’ पढ़िए। सुंदर भाषा में सुनायी गई एक बेहद मजबूत कहानी। मुझे नहीं पता कि स्त्री लेखन संसार में कहानी की चर्चा क…
आगे पढ़ें »युवा रचनाकार कंचन जायसवाल की रचना 'ट्रेन में लड़की' जिसे सफ़र कथा कह रहा हूँ, पढ़ते हुए यह महसूस हुआ कि इस तरह की गद्यात्मक रचनाएं लिखी, छापी औ…
आगे पढ़ें »समीक्षा लिखते समय यदि लेखक यह याद रखे कि गद्य पढ़ने का आनंद उसके प्रवाह में होता है, तो वह विजय पंडित द्वारा लिखित, हाल में आयी किताब — अवसाद का आनंद…
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