पढ़िए डॉ निधि अग्रवाल की एक अच्छी व कलात्मक कहानी 'पाँचवें पुरुष की तलाश में' ! ~ सं०
आगे पढ़ें »बाबू लोग बड़ी जात उनके पानी से डरते थे पर अनूठी बात उनकी बालाओं पर मरते थे हरे प्रकाश उपाध्याय की कविताएं कुछ-कुछ अदम गोंडवी की ग़ज़लों सरीखा, हमें खबर…
आगे पढ़ें »‘धीरा’ सधी हुई कहानी है। विजयश्री तनवीर की कहानियों में वह प्रवाह और शैली है जो आपको फैन बना सकती है। पढ़िएगा और अपनी प्रतिक्रिया भी ज़रूर दीजिएगा ~ भ…
आगे पढ़ें »उमा शंकर चौधरी की कहानी ‘इत्ता-सा टुकड़ा चाँद का’ उस विकास के मॉडल का सच हमें दिखाने की कोशिश कर रही है जहां बच्चों के पनपने जगह ही नही है। क्या आ…
आगे पढ़ें »हिन्दी साहित्य की दुनिया (कहीं-कहीं तथाकथित) में विचरण करते करते वहाँ के निवासी भूल जाते हैं कि हिन्दी की एक और दुनिया है जो उनकी वाली से बड़ी है। कथ…
आगे पढ़ें »कभी रेत के ऊँचे टीलों पे जाना घरौंदे बनाना बना के मिटाना वो मा'सूम चाहत की तस्वीर अपनी वो ख़्वाबों खिलौनों की जागीर अपनी न दु…
आगे पढ़ें »'सप्तपर्णी' फूल की शैतानी खुशबू (इसके पेड़ को अंग्रेज़ी में 'डेविल्स ट्री' भी कहते हैं) से मोहित होकर, मैंने 2018 में फेसबुक पर लिखा थ…
आगे पढ़ें »"मेरे ख़्याल से हिन्दी साहित्य जगत में फ़्लर्ट करने की कला, सिर्फ दो जन जानते हैं, राजेन्द्र यादव और मनोहर श्याम जोशी।" मृदुला गर्ग की लि…
आगे पढ़ें »वैसे तो अनेक पुरुष लेखक स्त्री को समझने की बात करते हैं, उसकी तरफ़ से लिखते हैं लेकिन प्रभात रंजन की ‘हंस’ में प्रकाशित कहानी ‘शनेल नंबर-5’ उस लेखकीय…
आगे पढ़ें »अच्छा हुआ कि मित्र विवेक मिश्र से उनका मन्नूजी वाला यह इंटरव्यू मांग लिया। यह दरअसल एक टिपिकल इंटरव्यू नहीं है इसमें मन्नू भंडारीजी ने कई बातों का ख…
आगे पढ़ें »मजबूत और सच्ची बात मसलन — "गांवों के चूल्हे की सोंधी महक/और शहर की फैक्टरी की दुर्गंध/मुझे इतना पागल नहीं करतीं/कि मैं कहूं गाँव शिक्षित हो चुक…
आगे पढ़ें »अनामिका अनु के गद्य में बहुत रस होता है, इस आलेख में प्रेम की बात हो रही और वह और रसमय हो चला है। आनंद उठाइए ~ सं0 विचार और शब्द की जिज्ञासा, चुंब…
आगे पढ़ें »राजेन्द्र यादव जी के कमाल को समझना तकरीबन नामुमकिन है लेकिन प्रिय लेखक प्रियदर्शन का यह लेख यादवजी के कमाल को बहुत पास से दिखला गया। ~ सं0
आगे पढ़ें »नृत्य का संसार कलाओं में बेहद ऊंचा है। हम अधिकतर उसकी बाहरी काया को तो देख पा रहे होते हैं शायद इस बात से अज्ञान की नृत्य की रूह में संसार का रचयिता…
आगे पढ़ें »ममता कालिया को यह महारथ प्राप्त है कि वह हम सबके सामने बिखरे क़िस्सों को कलमबद्ध कर सकती हैं। उनकी कहानी 'हीरो की हैरानी' उनको मिली इस सिद्ध…
आगे पढ़ें »मृदुला गर्ग का यह एक मानीख़ेज़ इंटरव्यू है। साहित्य, लेखन, पाठन, विदेश नीति से लेकर वर्तमान सत्ता और भविष्य पर शमशेर सिंह के साथ हुई उनकी यह बातचीत …
आगे पढ़ें »संसार में ऐसा कोई भी देश आज नहीं है जहां कमजोरों के हक की रक्षा बतौर फर्ज होती हो। अगर गरीबों के लिए भी कुछ किया जाता है, तो वह मेहरबानी के तौर पर क…
आगे पढ़ें »कमाल लिखती हैं वंदना राग , ये हमसब जानते हैं, लेकिन लुत्फ़ यह है कि हर बार उनकी कहानी पढ़ने पर हम फिर कहते नहीं थकते - 'कमाल लिखती हैं वंदना राग!&…
आगे पढ़ें »जंगलगाथा: वरिष्ठ कथाकार लोकबाबू की बारह कहानियों का संग्रह समीक्षा: घनश्याम त्रिपाठी
आगे पढ़ें »उसने कहा था चन्द्रधर शर्मा गुलेरी
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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