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अलबेला रघुबर: साहित्यकार कविता का लघु उपन्यास / लंबी कहानी | Albela Raghubar: Short Novel / Long Story by author Kavita

साहित्यकार कविता का लघु उपन्यास या लंबी कहानी ‘अलबेला रघुबर’ बार-बार इतनी ‘अपनी’ — किसी खोह से निकलता अपना जीवन हो जाती है कि इस पाठक ने इसके मार्मिक प्रसंगों को जीने के लिए, अपने भीतर तक उतारने के लिए संवादों को भीगे मन से बोल-बोल कर पढ़ा है। हमारे समाज की बेटियों, उनकी माँओं, बहनों, और इर्दगिर्द की 'सभी' स्त्रियों के साथ क्या हो रहा है, और क्या उनके मन में चल रहा है ये सब आप अगर संवादों के बीच जिन भावनाओं को कहानीकार दर्ज़ करता चल रहा है उन्हें ‘पढ़’ पाए तो आप एक नए पाठ के लिए इस कहानी को दोबारा पढ़ेंगे। ‘तद्भव’ में प्रकाशित बेहतरीन ‘अलबेला रघुबर’ को शब्दांकन के पाठकों के लिए प्रकाशित करते हुए लेखिका कविता को बधाई! ~ भरत तिवारी (सं०)

Nothing has truly changed; it's just that their strength has waned. Now, men first gauge who will bear them and where they won't get away with it.

अणुशक्ति सिंह की कहानी 'अमरबेल' | Anushakti Singh - Kahani - Amarbel | युवा कहानीकार अणुशक्ति सिंह की कहानी 'अमरबेल' पढ़िए।

बाज़दफ़ा कहानीकार भी जिस कहानी को कहने जा रहा होता है उसके जाल में फंस जाता है, आप भी फँसिए --युवा कहानीकार अणुशक्ति सिंह की कहानी 'अमरबेल' पढ़िए। - सं० 

हरे प्रकाश उपाध्याय - सुनील मास्टर व अन्य कविताएं | Kavita: Hare Prakash Upadhyay

बाबू लोग बड़ी जात उनके पानी से डरते थे
पर अनूठी बात उनकी बालाओं पर मरते थे


हरे प्रकाश उपाध्याय की कविताएं कुछ-कुछ अदम गोंडवी की ग़ज़लों सरीखा, हमें खबरदार करती हैं। उनका ज़ोर ए क़लम बना रहे। ~ सं० 


Kavita: Hare Prakash Upadhyay

धीरा: विजयश्री तनवीर की सच्ची कहानी | Dheera: true Hindi story by Vijayshree Tanveer

‘धीरा’ सधी हुई कहानी है। विजयश्री तनवीर की कहानियों में वह प्रवाह और शैली है जो आपको फैन बना सकती है। पढ़िएगा और अपनी प्रतिक्रिया भी ज़रूर दीजिएगा ~ भरत तिवारी 

मामी ने मेरा बिस्तर भीतर बरोठे में लगाया था। तकिए और चादर ने शायद सालों से धूप न देखी थी। उनमें अजीब-सी हमक भरी थी। चादर के किनारे पर रेशमी धागों से कढ़े गुल-बूटों के बीच लाल डोरे से धीरा और प्रमोद कढ़ा था। यह पच्चीसों साल पुरानी धीरा के दायजे में आई चादर थी। मामी गिलास में दूध रख लालटेन की लौ नीची कर चली गई। मैं तकिए में मुँह गाड़कर सोने की कोशिश करने लगी। अचानक लगा जैसे सीलन भरी बोसीदा चादर से धीरा के कस्तूरी इत्र की सुवास उठ रही है। तकियों और चादर पर कढ़े हुए फूल महकने लगे थे। मेरी आँखों में दूर तलक नींद न थी।


Dheera: True Hindi story by Vijayshree Tanveer Photo Bharat Tiwari


कहानी: इत्ता-सा टुकड़ा चांद का - उमा शंकर चौधरी | Uma Shankar Choudhary: Kahani Itta Sa Tukda Chand Ka

उमा शंकर चौधरी की  कहानी ‘इत्ता-सा टुकड़ा चाँद का’ उस विकास के मॉडल का सच हमें दिखाने की कोशिश कर रही है  जहां बच्चों के पनपने  जगह ही नही है। क्या आप पाठक (अपने) इस  समाज में बच्चों को समझ पा रहे है?   ~ सं0 

चौबीस छत्तीस ज़ीरो वन ~ इरा टाक | Hindi Novel, Era Tak - Chaubis Chhattis Zero One

हिन्दी साहित्य की दुनिया (कहीं-कहीं तथाकथित) में विचरण करते करते वहाँ के निवासी भूल जाते हैं कि हिन्दी की एक और दुनिया है जो उनकी वाली से बड़ी है। कथाकार इरा टाक दोनों संसारों में अच्छा काम कर रही हैं। पढ़िए उनके हाल में ही प्रकाशित रोचक और पठनीय उपन्यास "चौबीस छत्तीस ज़ीरो वन" (राजपाल प्रकाशन) का कुछ हिस्सा। ~ सं0 

कबीर संजय की कहानी: तीतर | Kabir Sanjay ki Kahani Teetar (Hindi Short Story)

   कभी रेत के ऊँचे टीलों पे जाना 
   घरौंदे बनाना बना के मिटाना 
   वो मा'सूम चाहत की तस्वीर अपनी 
   वो ख़्वाबों खिलौनों की जागीर अपनी 
   न दुनिया का ग़म था न रिश्तों के बंधन 
   बड़ी ख़ूबसूरत थी वो ज़िंदगानी 
      ...ये दौलत भी ले लो ये शोहरत भी ले लो ...
सुदर्शन फ़ाकिर के लिखे को जगजीत सिंह की आवाज़ में हमने सुना है और खूब गुना है। 

गुनिए और डूबिए कबीर संजय की कोई एक साल हुए 'बनास जन' में प्रकाशित कहानी 'तीतर' में। कबीर संजय ठहराव लिए व्यक्तित्व वाले लेखक हैं, चमक-दमक से थोड़ा-सा दूर रहते हुए साहित्य का आनंद उठाते हुए आगे बढ़े जा रहे हैं। शुभकामनाएं  ~ सं0 

सप्तपर्णी: ज्योति चावला की कहानी | Saptaparni: Jyoti Chawla Ki Kahani

'सप्तपर्णी' फूल की शैतानी खुशबू (इसके पेड़ को अंग्रेज़ी में 'डेविल्स ट्री' भी कहते हैं) से मोहित होकर, मैंने 2018 में फेसबुक पर लिखा था। ज्योति चावला की इसी नाम की कहानी को पढ़ते हुए दिल्ली, या कहूँ महानगरीय जीवन के कई संवेदनशील पहलुओं से अच्छा राबता हुआ। पढ़िएगा ~ सं 

राजेन्द्र यादव पर ज़बरदस्त बेबाक मृदुला गर्ग! Mridula Garg on Rajendra Yadav

"मेरे ख़्याल से हिन्दी साहित्य जगत में फ़्लर्ट करने की कला, सिर्फ दो जन जानते हैं, राजेन्द्र यादव और मनोहर श्याम जोशी।" 

मृदुला गर्ग की लिखी इस लाइन से आपको कुछ अंदाज़ा लगा होगा कि राजेन्द्र यादव पर यह लेख उन्होंने कितनी बेबाकी से लिखा है। आज यादवजी के जन्मदिन पर खास

शनेल नंबर-5 - प्रभात रंजन की कहानी | Chanel No.5 - Story by Prabhat Ranjan

वैसे तो अनेक पुरुष लेखक स्त्री को समझने की बात करते हैं, उसकी तरफ़ से लिखते हैं लेकिन प्रभात रंजन की ‘हंस’ में प्रकाशित कहानी ‘शनेल नंबर-5’ उस लेखकीय समझ को, एक पुरुष द्वारा स्त्री की दृष्टि से बू को समझने और समझाने के नए मायने सामने रखती है। प्रभात भाई, बधाई! 

पाठक यदि शब्दों की गहराई मे उतरकर पढ़े तो कहानी का असल समझ आएगा। ~ सं0 

राजेन्द्र लड़ते थे पर संबंध तोड़ते कभी नहीं थे। ~ मन्नू भंडारी | Mannu Bhandari interview by Vivek Mishra

अच्छा हुआ कि मित्र विवेक मिश्र से उनका मन्नूजी वाला यह इंटरव्यू मांग लिया। यह दरअसल एक टिपिकल इंटरव्यू नहीं है इसमें मन्नू भंडारीजी ने कई बातों का खुलासा तो किया ही है, साथ विवेक मिश्र ने अपनी कथाकार दृष्टि से बहुत रोचक बना दिया है। राजेन्द्र यादवजी भी इसे पढ़कर ज़रूर खुश होते, ठहाका लगाते ~ सं0   

शब्द व अन्य कविताएं ~ आकृति विज्ञा 'अर्पण' | Poetry - Akriti Vigya 'Arpan'

मजबूत और सच्ची बात मसलन — "गांवों के चूल्हे की सोंधी महक/और शहर की फैक्टरी की दुर्गंध/मुझे इतना पागल नहीं करतीं/कि मैं कहूं गाँव शिक्षित हो चुके हैं/और शहरों में प्रसन्नता बसती है।" — कहती आकृति विज्ञा 'अर्पण' की कुछ अच्छी कविताएं पढ़ें। ~ सं0  

शब्द को पंक्ति का प्रेमपत्र ~ अनामिका अनु | Shabd ko Pankti ka Prempatra - Anamika Anu

अनामिका अनु के गद्य में बहुत रस होता है, इस आलेख में प्रेम की बात हो रही और वह और रसमय हो चला है। आनंद उठाइए  ~ सं0 

विचार और शब्द की जिज्ञासा, चुंबन पा लेने के आकर्षण से बहुत बड़ी होती है

~ अनामिका अनु

राजेन्द्र यादव के कमाल पर प्रियदर्शन | PriyaDarshan on Rajendra Yadav Charisma

राजेन्द्र यादव जी के कमाल को समझना तकरीबन नामुमकिन है लेकिन प्रिय लेखक प्रियदर्शन का यह लेख यादवजी के कमाल को बहुत पास से दिखला गया। ~ सं0 

अरंगेत्रम्: मेधाविनी वरखेडी का रंगमंच प्रवेश - संगीता गुन्देचा | Arangetram: Medhavini Varakhedi - Sangeeta Gundecha

नृत्य का संसार कलाओं में बेहद ऊंचा है। हम अधिकतर उसकी बाहरी काया को तो देख पा रहे होते हैं शायद इस बात से अज्ञान की नृत्य की रूह में संसार का रचयिता विद्यमान है। विदुषी संगीता गुन्देचा को पढ़िए और देखिए उसे। ~ सं0 

हीरो की हैरानी ~ ममता कालिया | love story of amitabh and rekha - Mamta Kalia

ममता कालिया को यह महारथ प्राप्त है कि वह हम सबके सामने बिखरे क़िस्सों को कलमबद्ध कर सकती हैं। उनकी कहानी 'हीरो की हैरानी' उनको मिली इस सिद्धि का ताज़ा उदाहरण है। लंबे हीरो की लंबी कहानी का आनंद उठाइए!

जब जब नेता को राजा बनाओगे, गर्भवती सीता को बनवास मिलेगा ~ मृदुला गर्ग | Mridula Garg - Must Watch Interview

मृदुला गर्ग का यह एक मानीख़ेज़ इंटरव्यू है। साहित्य, लेखन, पाठन, विदेश नीति से लेकर वर्तमान सत्ता और भविष्य पर शमशेर सिंह के साथ हुई उनकी यह बातचीत सुनें अवश्य।  ~ सं0 

राष्ट्रवाद, लोकतंत्र और स्वदेशी - डॉ. ज्योतिष जोशी | Nationalism, Democracy and Swadeshi ~ Jyotish Joshi

संसार में ऐसा कोई भी देश आज नहीं है जहां कमजोरों के हक की रक्षा बतौर फर्ज होती हो। अगर गरीबों के लिए भी कुछ किया जाता है, तो वह मेहरबानी के तौर पर किया जाता है ~ गांधीजी 

गांधीजी के "राष्ट्रवाद, लोकतंत्र और स्वदेशी" सिद्धांतों को संपूर्णता में समझना ज़रूरी तो है लेकिन समझाए कौन? डॉ ज्योतिष जोशी जी ने इस मुश्किल कार्य को अपने प्रस्तुत लेख — जो उनकी प्रकाश्य पुस्तक - 'विश्वात्मा गांधी ' का महत्वपूर्ण लेख है — में सफलतापूर्वक किया है, और कितनी ही सुंदर भाषा में किया है, जिसकी लय देखते ही बनती है। लेख को पढ़ते, आगे बढ़ाते रहें। ~ सं0 

अम्मा की डायरी - वंदना राग की कहानी | Amma's Diary - Short Story by Vandana Rag

कमाल लिखती हैं वंदना राग, ये हमसब जानते हैं, लेकिन लुत्फ़ यह है कि हर बार उनकी कहानी पढ़ने पर हम फिर कहते नहीं थकते - 'कमाल लिखती हैं वंदना राग!' ~ सं0