अशोक वाजपेयी की ऑटोबायोग्राफ़ी | सागर-समय: पार्ट 1 | Autobiography of Ashok Vajpeyi 1
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मेरे मन में जन्म को लेकर प्रसन्नता का भाव है। जाहिर है, जन्म के साथ संयोग और सौभाग्य इत्यादि भी जुड़े हैं, पर, मूल भाव प्रसन्नता और कृतज्ञता का ही है। ~ अशोक वाजपेयी
अनामिका का हिन्दी अनुवाद - मणि राव की अंग्रेज़ी कविताएं | TRANSLATED BY: ANAMIKA / POEMS BY: MANI RAO
साहित्य में अच्छी कविता का कोई सानी नहीं है। अनामिका जी के अनुवाद का आनंद उठाते-उठाते कब आप मणि राव की कविता का आस्वाद लेने लगेंगे, पता नहीं लगेगा!
क़िस्से मृदुला गर्ग के: उसके हिस्से की धूप' | Qisse Mridula Garg Ke: Uske Hisse ki Dhoop
2010 में रवींन्द्र कालिया के संपादन में छप रही पत्रिका ‘नया ज्ञानोदय’ का एक ‘महाबेवफाई अंक’ निकला। उसमें “उसके हिस्से की धूप” का कुछ संक्षिप्त रूप प्रकाशित किया गया था। और जैसा रवींद्र कालिया से अपेक्षित था, उसका प्रथम प्रकाशन वर्ष नहीं दिया गया था। मेरा फोन नंबर अलबत्ता मौजूद था।
गीताश्री की पसंदीदा किताबें: रुई लपेटी आग - अवधेश प्रीत | GeetaShree - Rui Lapeti Aag: Avadhesh Preet
'गीताश्री की पसंदीदा किताबें' की तीसरी कड़ी में पढ़ें वरिष्ठ लेखक अवधेश प्रीत के उपन्यास रुई लपेटी आग (राजकमल प्रकाशन) की समीक्षा ~ सं0
आज बुद्धिजीवी होना गर्व का नहीं, लज्जा का विषय बना दिया गया है | Sachet Ka Sadya (Durgaprasad Agrawal)
सदाशिव श्रोत्रिय की यह सुंदर समीक्षा पढ़ने के बाद दुर्गाप्रसाद अग्रवाल की किताब पढ़ने का बहुत मन हुआ, सोचा अभी मँगा लूँ और तब... हिन्दी की नाव कितने पानी में है पता चला - 'साहित्य भण्डार' द्वारा प्रकाशित 'सचेत का सद्य' ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है - हिन्दीवालों, अपनी नैया पार करनी है तो प्रकाशकों को घेरें, संपादकों आदि को नहीं! ~ भरत तिवारी (सं)
इम्तियाज़ अली की ज़बरदस्त वापसी - अमर सिंह चमकीला :पंकज दुबे | Pankaj Dubey: CineSohabat-Chamkila: Imtiaz Ali
सिने-सोहबत
अमर सिंह चमकीला
धार्मिक कट्टरपंथियों की राजनीति और दमित कामुकता पर इम्तियाज़ अली का एक धारदार व्यंग्य
::पंकज दुबे
मशहूर बाइलिंग्वल उपन्यासकार और चर्चित यूट्यूब चैट शो , “स्मॉल टाउंस बिग स्टोरीज़ “ के होस्ट हैं । ईमेल: carryonpd@gmail.com
गीताश्री की पसंदीदा किताबें: अग्निलीक - हृषीकेश सुलभ | GeetaShree - Agnileek: Hrishikesh Sulabh
वरिष्ठ साहित्यकार हृषीकेश सुलभ के उपन्यास 'अग्निलीक' की सुंदर समीक्षा करते हुए, आलोचकों को ज़रा घेरते हुए, गीताश्री अपने कॉलम 'गीताश्री की पसंदीदा किताबें' की दूसरी प्रस्तुति में लिखती हैं —
आलोचक सवाल उठा सकते हैं। सहृदय यहां रचना का अप्रतिम सौंदर्य पा सकते हैं। ये पूरा पैरा सिर्फ पढ़ने की ज़रूरत नहीं, इसे देखने की ज़रूरत है, किसी ऐंद्रिक पेंटिंग की तरह। रचना को देखने की आंख भी पेंटिंग को देखने वाली आंख की तरह होनी चाहिए जो रचना को सुने भी और देखे भी। जैसे पेंटिंग देखी और सुनी जाती है।
भूमिका द्विवेदी अश्क की कहानी 'दीवार' | Bhumika Dwivedi Ashk’s Hindi Story 'Deewar' | विवाह में जब पति की उम्र कुछ ज़्यादा हो और पत्नी की कम
विवाह में जब पति की उम्र कुछ ज़्यादा हो और पत्नी की कम हो तो ऐसे में उस दंपति के वैवाहिक, दैहिक संबंध किस दौर से गुज़रते होंगे, एक स्त्री के नज़रिये से भूमिका द्विवेदी अश्क अपनी कहानी 'दीवार' में खुल कर बयान करती हैं।
नजीब चश्मे के भीतर से झाँकती खुदगर्ज़ आँखों से अंजू को देखते हुए सोचने लगा, “कोई इतना खूबसूरत होते हुए भी इस क़दर मासूम कैसे हो सकता है। ये लड़की बाक़ी औरतों की तरह चंट, चतुर या कमीनी क्यूँ नहीं बन जाती...? अपनी भूख को कहीं और क्यूँ नहीं निपटा आती... ”नजीब अभी सोच ही रहा था, कि अंजू बीच में बोल पड़ी, “आखिर शादी हुई है हम दोनों की, कोई चोरी-चकारी का रिश्ता तो है नहीं हमारा?”
शब्दांकन पर पढ़ें और अपनी राय भी दें ~ सं
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Bhumika Dwivedi Ashk's Hindi Story 'Deewar' |
गीताश्री की पसंदीदा किताबें: देश निकाला - धीरेंद्र अस्थाना | GeetaShree - Desh Nikala - Dhirendra Asthana
खूबसूरत गद्य पाठक की कमज़ोरी होता है। यदाकदा उसकी यह तलाश गीताश्री भी अपने बेहतरीन लेखन से पूरी करती रहती हैं। शब्दांकन की इस नई सीरीज़ 'गीताश्री की पसंदीदा किताबें' में जान पाएंगे कि गीताश्री को कोई किताब क्यों पसंद है। आज पेश है वरिष्ठ साहित्यकार धीरेंद्र अस्थाना के उपन्यास 'देश निकाला' पर गीताश्री की राय ~ सं०
नागर जी के संस्मरण ~ पल्लव | Memoirs of Nagar Ji ~ Pallav | विष्णु नागर को निराला स्मृति सम्मान के अवसर पर पल्लव लिखित सुंदर गद्य
विष्णु नागर को निराला स्मृति सम्मान आज दिया जाएगा। इस मुबारक मौक़े पर पढ़िए पल्लव लिखित सुंदर-सुंदर गद्य ‘नागर के संमरण’ जिसमें वे चेताते हुए लिखते हैं – “नागर की भाषा पर अलग से बात करना शायद ठीक न हो लेकिन यह कहना होगा कि बिना भावातिरेक और गलदश्रु बहाए भी आप गंभीर और आत्मीय बात कह सकते हैं।“ और विष्णु नगर के चुनिदा गद्यांश पढ़ाते हुए अपने कहे को सिद्ध भी करते हैं। या नहीं? आप पढ़कर बताएं!
नागर जी को बधाई! ~ भरत तिवारी
यारी का दूसरा नाम : ईशमधु तलवार ~ प्रेमचंद गांधी | Premchand Gandhi on Ish Madhu Talwar
अपने प्रिय मित्र कथाकार-पत्रकार ईशमधु तलवार को 14 अक्टूबर, उनके जन्मदिन पर याद कर रहे हैं प्रेमचंद गांधी।
इशमधु तलवार का बहुत प्रेममयी व्यक्तित्व था। मेरी उनसे जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान मुलाक़ात हुई थी। उनका असमय जाना राजस्थान के साथ देश भर में फैले उनके मित्रों व साहित्य व कला जगत को दुख देता रहा है। ~ सं०
अलबेला रघुबर: साहित्यकार कविता का लघु उपन्यास / लंबी कहानी | Albela Raghubar: Short Novel / Long Story by author Kavita
साहित्यकार कविता का लघु उपन्यास या लंबी कहानी ‘अलबेला रघुबर’ बार-बार इतनी ‘अपनी’ — किसी खोह से निकलता अपना जीवन हो जाती है कि इस पाठक ने इसके मार्मिक प्रसंगों को जीने के लिए, अपने भीतर तक उतारने के लिए संवादों को भीगे मन से बोल-बोल कर पढ़ा है। हमारे समाज की बेटियों, उनकी माँओं, बहनों, और इर्दगिर्द की 'सभी' स्त्रियों के साथ क्या हो रहा है, और क्या उनके मन में चल रहा है ये सब आप अगर संवादों के बीच जिन भावनाओं को कहानीकार दर्ज़ करता चल रहा है उन्हें ‘पढ़’ पाए तो आप एक नए पाठ के लिए इस कहानी को दोबारा पढ़ेंगे। ‘तद्भव’ में प्रकाशित बेहतरीन ‘अलबेला रघुबर’ को शब्दांकन के पाठकों के लिए प्रकाशित करते हुए लेखिका कविता को बधाई! ~ भरत तिवारी (सं०)
Nothing has truly changed; it's just that their strength has waned. Now, men first gauge who will bear them and where they won't get away with it.
अणुशक्ति सिंह की कहानी 'अमरबेल' | Anushakti Singh - Kahani - Amarbel | युवा कहानीकार अणुशक्ति सिंह की कहानी 'अमरबेल' पढ़िए।
बाज़दफ़ा कहानीकार भी जिस कहानी को कहने जा रहा होता है उसके जाल में फंस जाता है, आप भी फँसिए --युवा कहानीकार अणुशक्ति सिंह की कहानी 'अमरबेल' पढ़िए। - सं०
कहानी: पाँचवें पुरुष की तलाश में - डॉ निधि अग्रवाल | Dr Nidhi Agarwal - Kahani: Paanchven Purush Ki Talaash mein
पढ़िए डॉ निधि अग्रवाल की एक अच्छी व कलात्मक कहानी 'पाँचवें पुरुष की तलाश में' ! ~ सं०
धीरा: विजयश्री तनवीर की सच्ची कहानी | Dheera: true Hindi story by Vijayshree Tanveer
‘धीरा’ सधी हुई कहानी है। विजयश्री तनवीर की कहानियों में वह प्रवाह और शैली है जो आपको फैन बना सकती है। पढ़िएगा और अपनी प्रतिक्रिया भी ज़रूर दीजिएगा ~ भरत तिवारी
मामी ने मेरा बिस्तर भीतर बरोठे में लगाया था। तकिए और चादर ने शायद सालों से धूप न देखी थी। उनमें अजीब-सी हमक भरी थी। चादर के किनारे पर रेशमी धागों से कढ़े गुल-बूटों के बीच लाल डोरे से धीरा और प्रमोद कढ़ा था। यह पच्चीसों साल पुरानी धीरा के दायजे में आई चादर थी। मामी गिलास में दूध रख लालटेन की लौ नीची कर चली गई। मैं तकिए में मुँह गाड़कर सोने की कोशिश करने लगी। अचानक लगा जैसे सीलन भरी बोसीदा चादर से धीरा के कस्तूरी इत्र की सुवास उठ रही है। तकियों और चादर पर कढ़े हुए फूल महकने लगे थे। मेरी आँखों में दूर तलक नींद न थी।
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Dheera: True Hindi story by Vijayshree Tanveer Photo Bharat Tiwari |
कहानी: इत्ता-सा टुकड़ा चांद का - उमा शंकर चौधरी | Uma Shankar Choudhary: Kahani Itta Sa Tukda Chand Ka
उमा शंकर चौधरी की कहानी ‘इत्ता-सा टुकड़ा चाँद का’ उस विकास के मॉडल का सच हमें दिखाने की कोशिश कर रही है जहां बच्चों के पनपने जगह ही नही है। क्या आप पाठक (अपने) इस समाज में बच्चों को समझ पा रहे है? ~ सं0
चौबीस छत्तीस ज़ीरो वन ~ इरा टाक | Hindi Novel, Era Tak - Chaubis Chhattis Zero One
हिन्दी साहित्य की दुनिया (कहीं-कहीं तथाकथित) में विचरण करते करते वहाँ के निवासी भूल जाते हैं कि हिन्दी की एक और दुनिया है जो उनकी वाली से बड़ी है। कथाकार इरा टाक दोनों संसारों में अच्छा काम कर रही हैं। पढ़िए उनके हाल में ही प्रकाशित रोचक और पठनीय उपन्यास "चौबीस छत्तीस ज़ीरो वन" (राजपाल प्रकाशन) का कुछ हिस्सा। ~ सं0
कबीर संजय की कहानी: तीतर | Kabir Sanjay ki Kahani Teetar (Hindi Short Story)
कभी रेत के ऊँचे टीलों पे जाना
घरौंदे बनाना बना के मिटाना
वो मा'सूम चाहत की तस्वीर अपनी
वो ख़्वाबों खिलौनों की जागीर अपनी
न दुनिया का ग़म था न रिश्तों के बंधन
बड़ी ख़ूबसूरत थी वो ज़िंदगानी
...ये दौलत भी ले लो ये शोहरत भी ले लो ...
सुदर्शन फ़ाकिर के लिखे को जगजीत सिंह की आवाज़ में हमने सुना है और खूब गुना है।
गुनिए और डूबिए कबीर संजय की कोई एक साल हुए 'बनास जन' में प्रकाशित कहानी 'तीतर' में। कबीर संजय ठहराव लिए व्यक्तित्व वाले लेखक हैं, चमक-दमक से थोड़ा-सा दूर रहते हुए साहित्य का आनंद उठाते हुए आगे बढ़े जा रहे हैं। शुभकामनाएं ~ सं0
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