राजेन्द्र यादव जी के कमाल को समझना तकरीबन नामुमकिन है लेकिन प्रिय लेखक प्रियदर्शन का यह लेख यादवजी के कमाल को बहुत पास से दिखला गया। ~ सं0
बीते दिनों बाबा, गुलज़ार साहब हमारे शहर फ़ैज़ाबाद गए थे. बड़ा मन था वहाँ उस समय होने का, जा नहीं सका लेकिन, शहर की उभरती लेखिका कंचन जायसवाल ने अपने (…
ममताजी जैसा मित्र तो, जैसा आप गीताश्री के संस्मरण में पढ़ेंगे, मेरा भी कोई दूजा नहीं है। ममताजी अगर कमाल हैं तो गीताश्री भी अब कमतर नहीं रहीं हैं! आज…
मुझे हमेशा लगता रहा है कि हम जितना दूसरों के अनुभवों को समझकर जानकार बनते हैं, उतनी आसानी से और किसी तरह नहीं। खुश हूँ कि गीताश्री ने अपनी यादों को …
वरिष्ठ साहित्यकार मृदुला गर्ग ने यहाँ जो अनुभव साझा किया है वह सच में हौलनाक है। नुसरत ग्वालियारी का शेर याद आया - "रात के लम्हात ख़ून…
मंजुल भगत जी की आज 22 जून 2022, को 86वीं जयंती है। उन्हे नमन और उनकी छोटी बहन, हमसबकी प्रिय मृदला गर्ग का शुक्रिया कि उन्होंने मंजुल भगत जी का यह बे…
खीसे निपोरते सरदारों को सीख देना मुझे बख़ूबी आता था। मैंने चुपचाप अपने पड़ोसी सरदार के सामने से (पता नहीं बल्ब वाले (खुशवंत सिंह) थे या बिना बल्ब वाले…
स्मृति: मन्नू भंडारी 1931-2021 ~ ममता कालिया
जैसे-जैसे मृदुलाजी के इन संस्मरणों को पढ़ता जाता हूँ, उनके, हिन्दी साहित्य की स्त्रियों के प्रति सम्मान बढ़ता है। भारत की महिलाओं को 'स्त्री विमर्…
मृदुला गर्ग जी का आज (25/10/21) जन्मदिन है। उन्हें ढेरों शुभकामनाएं। आनंद लीजिए उनके संस्मरण 'बल्ब वाले सरदारजी' के इस अंश का, जिसमें वह लिख…
हमने हर तरह की बातें की पर रचना का ज़िक्र छिड़ने पर पंडिताई पर नहीं उतरे; ख़ुशदिल रचनाकार बने रहे। सफ़र में ऐसे लोगों का साथ सुकूनदेह होता है, अपने कहे …
Jagjit Singh हिंदी साहित्य से जुड़े लोगों के बीच वरिष्ठ कवि-लेखक शैलेन्द्र शैल का बड़ा मान है. ज्ञानपीठ से प्रकाशित किताब 'स्मृतियों क…
रवीन्द्र त्रिपाठीजी के मेरे बड़े भाई होने के सम्बन्ध की नीव में पिता-समान राजेन्द्र यादवजी हैं । रवीन्द्रजी से मैं यह आग्रह करता रहता हूँ क…
DP Tripathi Dies, DP Tripathi, a big literary figure of politics, Senior NCP Leader Passes away हाल ही में हिंदी को वर्तमान राजनीति में उसक…
रवींद्र कालिया की कहानियों से मैं चमत्कृत था; उनकी भाषा, उनका यथार्थ के प्रति सुलूक, उनकी मध्यवर्गीय भावुकताविहीनता, उनका खिलंदड़ा अंदाज, इन …
अधिकतर ऐसा ही हुआ : कोई कालिया जी से मिला और उनका होकर ही रुखसत हुआ । उनका अत्यंत महत्वपूर्ण लेखक होना, आकर्षक अनोखा व्यक्तित्व, उनका वातावरण …
कृष्णा सोबती: प्रतिरोध की आवाज़ —ओम थानवी कृष्णाजी से पाठक के नाते मेरा रिश्ता पुराना था। दिल्ली आने के बाद कुँवर नारायण, कृष्ण …
जीवन का मर्म कानून से नहीं समझा जा सकता — मधु कांकरिया | Photo: Bharat S Tiwari जीवन का मर्म... रेखाचित्र और संस्मरण में अंतर समझाती मधु…