Sudha Om Dhingra's Conversation with Devi Nangrani ग़ज़ल अब हमारी तहज़ीब की आबरू बन गई है - देवी नागरानी दर्द नहीं दामन में जिनके ख़ाक वो जी…
हाथ से फिसलती ज़मीन... तेजेन्द्र शर्मा “ग्रैण्डपा, आपके हाथ इतने काले क्यों हैं?... आपका रंग मेरे जैसा सफ़ेद क्यों नहीं है?... आप मुझ से …
मलबे की मालकिन तेजेन्द्र शर्मा समीर ने यह क्या कह दिया! एक ज़लज़ला, एक तूफ़ान मेरे दिलो दिमाग़ को लस्त-पस्त कर गया है. मेरे पूरे जीवन की तपस्या…