विपश्यना — सत्येंद्र प्रताप सिंह — संस्मरण हम दुखी इसलिए हैं क्योंकि हम सुखद और दुखद संवेदनाओं के प्रति जाने बगैर प्रतिक्रिया देते हैं। वि…