मैं चांद पर हूं... मगर कब तक (आजादी और अजाब में फंसी चालीस पार औरतों के बारे में...) प्रेम भारद्वाज "खड़ी किसी को लुभा रही थी चालिस …
छवि कई बार सुरक्षा कवच भी बन जाती है, खासकर स्त्रियों के मामले में। वह हंसती है …
शब्द भर जीवन उर्फ दास्तान-ए-नगमानिगार प्रेम भारद्वाज ‘नाटक का अभिनेता उसे ही सच मानता है जो हो रहा है। लेकिन जीवन में जो हो रहा है उसे नाटक समझ…