भाषाई अराजकता के अपराधी ~ सन्त समीर आश्चर्य की ही बात है कि अपने ढाई हज़ार चिह्ननुमा अक्षरों के साथ चीनी भाषा निरन्तर विकसित हो रही है, जापा…
बैंगनी फूलों वाला पेड़ ~ स्वाति तिवारी चाणक्यपुरी वाला हमारा सरकारी बंगला, जहां दिल्ली, दिल्ली है ऐसा कम ही लगता। साफ-सुथरा वीआईपी एरिया। इ…
वह रात किधर निकल गई ~ गीताश्री वह रात नसीबोंवाली नहीं थी। देर रात फोन पर झगडऩे के बाद बिंदू किसी काम के लायक नहीं बची थी। …
बादल बारिश भीजनहार -बलराम अग्रवाल बाबा राजराजेश्वर महाराज का, सोमनाथ पर मुहम्मद गज़नवी के हमलों वाले समय जितना पुराना मंदिर। अब से च…