सत्ताएं सिर्फ केंचुल बदलती हैं, जहर भरपूर रहता हैं प्रेम भारद्वाज हम सब हैदर ‘वह कराहता है जैसे कुटते वक्त धान वह कराहता है जैसे सोन…
आगे पढ़ें »न हादसे के पहले, न हादसे के बाद! क़मर वहीद नक़वी टीवी की भाषा में इस लेख की टीआरपी शायद बहुत कम हो! क्योंकि असली मुद्दों में कोई रस न…
आगे पढ़ें »...जब कि ज़रूरत इसी बात की है अशोक गुप्ता जम्मू कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 एक बार फिर चर्चा में है और इस बार इसको हटाने का प्रस्ताव नरेंद्र म…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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