हिंदी के ‘छद्म’ पुरस्कार - अनंत विजय हिंदी के लेखकों को पद्म पुरस्कार तो कम मिलता है लेकिन यहां थोक के भाव से छद्म पुरस्कार बांटे जा…
सदियाँ लगी हैं भारत के इस गंगा-जमुनी परिधान को बुनने में। — शाम अपने एक अज़ीज़ दोस्त के साथ था। वह ऐसा यार है कि ना उसने कभी मुझे हिं…
DID ANUPAM KHER APPLY FOR VIZA अनुपम खेर भी कमाल हैं, वीजा का आवेदन ही दाखिल नहीं किया और कहते हैं खारिज हो गया! ये अनुपम खेर भी कमाल हैं, वीजा का आ…
मंसूर - अमित मिश्र जरा-सा सिर आगे कीजिए, बस-बस, इतना ही। तो किस क्लास में पहुँच गए जनाब? हर शहर-देहात की तरह हमारे कस्बे में भ…
सेक्लयुर चैंपियनों की असलियत ! - अनंत विजय समाज सुधारक और धर्मनिरपेक्ष होने का तमगा... हाल के दिनों में पूरे देश में दो मुद्दे की…
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2016 में मार्लोन जेम्स से बातें - अमित मिश्रा वह दिखते रॉक स्टार से हैं और उऩकी बातें करने का अंदाज कि…
कितना फर्क है दिल्ली और पटना में - अर्पण कुमार नयी दिल्ली... देश भर से यहाँ छात्र अपनी अध्ययन-क़िस्मत जगाने के लिए आते हैं, किसी छोटे शह…
'प्रभु' के नाम जनरल डिब्बे के अभागी यात्री का खुला खत - अमित मिश्रा 28 जनवरी 2016 ख़बर: अनरिजर्व्ड टिकट पर यात्रियों को टिकट ज…
जनमत एक प्रोडक्ट है और दर्शक उपभोक्ता ... किसी भी सरकार के सबसे मुखर समर्थक को उसके सरकारी अस्तपाल में भर्ती करा आइये। खासकर फिल्म जगत व…
कहीं ठहाके, कहीं टशन - अमित मिश्रा गुरुवार 21, जनवरी, से शुरू हुए जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की छटा में कई तरह के रंग हैं और रंग भरने का…
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल : पहले दिल की तस्वीरें moments....#ZeeJLF #BharatTiwari #जेएलएफ Posted by Bharat Tiwari on Friday, Januar…