मुझे कवि से बचाओ ! एक दिन आम आदमी चिल्लाया बोला हमें कविता से नहीं कवि से बचाओ हमने आश्चर्य से पूछा क्यों भाई आपको कवि से क्या ख़त…
तो यह उसने आखिरी पत्ता फेंका है, कि उम्र से उसे कोई ऐतराज़ नहीं, कि उसके बड़ी होने से उसे कोई परहेज़ नहीं, परहेज़ है उसमें उम्र के हिसाब की गंभीरत…
आज के सफलतम कथाकार विवेक मिश्र ने, जब मनीषा कुलश्रेष्ठ से उनके अब तक के साहित्यिक सफ़र पर बात करी, तो वो इंटरव्यू भी किसी कहानी से कम रोचक नहीं …
पूर्णांक-316 वर्षः 27 अंकः 7 फरवरी 2013 हंस खरीदने के इक्षुक मेल करें sampadak@shabdankan.com मेरी तेरी उसकी बात मेरे फिल्मी रि…
कच्चा लालच, बदगुमानी, ओछी राजनीति और जुड़े को तोड़ना, ये हमारे वे दुश्मन हैं जो पीठ पीछे वार नहीं करते। आज एक तरफ मनुवादी अपने गलत को सही सिद्ध क…