शब्द होंगे सम्मानित नई दिल्ली । साहित्य के सम्मान के लिए अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए समाचार पत्र अमर उजाला इस साल से साहित्य अलंकरण…
दूर से नीले रंग की बस ऐसे चली आ रही थी जैसे अगर एक्सीलेटर से पैर हटा तो चालान कट जाएगा। सड़क पर खड़े लोग तितर-बितर हो गए। बस ने चीखते हुए ब्…
बच्चे रो रहे हैं...उनकी मेहनत और प्लानिंग बर्बाद हो गई, मगर ये नाकारा सरकार हमें लोगों को बांटने वाली सियासत के रास्ते पर चलाना चाहती है... अबक…
सुनो राजा: एक सुनो राजा तुम ही थे जो उछल-उछल कर पहुंच जाते थे सबसे ऊपर वाली सीढ़ी पर चिढ़ाते थे सबको यह कहकर तुम सब हार गए मैं जीत ग…
Hindi Poems - Prakash K Ray एक: आँखों से बही थी कविता सर्वप्रथम क़स्बे के अख़बार के आख़िरी अंक में बतौर संपादकीय छपी थी…
“अरे मेहरा जी, दस साल से मैं रीडर हूँ । अभी तक प्रोफेसर नहीं बना । पन्द्रह साल सहायक प्रवक्ता रहा हूँ और यह सुनिधि बारह वर्षों में ही रीडर बन …