Kautuhal se Aatmasakshatkar tak faila Kahani ka Vitaan — Rohini Agrawal हिंदी साहित्यिक कहानी के अवयवों को आधुनिक दृष्टि से दोबारा प…
Hindi Literary Criticism Vs New Generation — Anant Vijay आलोचना से बचती युवा पीढ़ी — अनंत विजय अभी पिछले दिनों एक अनौपचारिक …
कहानीकार के रूप का वर्तमान अनंत विजय आख़िर हिंदी का कहानीकार वर्तमान से अपनी दूरी को क्यों कम नहीं करता ? क्यों पुराने के मोह से जुड़ा …
सूचना तकनीक के विस्तार ने असंख्य लोगों को लेखक होने के भ्रम में डाल रखा है जिसे प्रकाशक भी हवा दे रहे हैं। पर गंभीर रचनाकर्म अब भी जिन्दा है…
लेखकीय असहिष्णुता पर सवाल ~ अनंत विजय आलोचनात्मक टिप्पणी करनेवाले और रचनाकार के बीच बातचीत बंद हो जाना तो आम बात है …
स्त्री के लिए आलोचक का रवइया न चाहते हुए भी रह रहकर सामंती होने लगता है मैत्रेयी पुष्पा आलोचना की रस्म हिंदी आलोचना जगत अभी भी साहित…
राग दरबारी - आलोचना की फांस रेखा अवस्थी राग दरबारी पर एक संकलन तैयार करने की इच्छा संभवत: 2005 में मेरे मन में आई थी । अपनी इस योजना पर जब मै…