विनोद तिवारी और समकालीन आलोचना रचनाकार का यह आरोप कि, आलोचक ने उसकी रचना को समझा ही नहीं है, उसने अपने मन और विचार से असंगत निष्कर्षों को मेरी…
28-29 मार्च 2014 को स्कूल आॅफ इंटरनेशनल, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कूल आॅफ इंटरनेशनल स्टडीज के कमेटी रूम नं 203 में ‘हाशिये उलांघती औरत’ के…
धन्यवाद प्रिय भरत तिवारी! आपने खूब तस्वीरें खींचीं हमारी। काव्य-निशा अच्छी रही। वासंती बयार खूब बही। जिन कवियों ने भाग लिया, वे थे-- सर्वश्री ब…
सत्य ही शिव है और यह जो "आजतक" के ही दीपक शर्मा कह गए … ओम थानवी एक आदमी जो आपनी सादगी के लिए हमारे चैनल में जाना जाता हो, आज मीडिया …
यह बात सही है कि मौसम का असर जनजीवन पर पड़ता है और लोग सिकुड़ने लगते हैं लेकिन विचारों और विमर्श का सिकुड़ना चिंता का सबब होता है । दिल्ली का वि…