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कहानी: यहाँ कमलनी खिलती है - मृदुला गर्ग | Mridula Garg's Hindi Kahani
उपन्यास वह बला है, जिसमें हम अपनी रज़ामंदी से हलाक होते हैं, दूसरों के हाथों - मृदुला गर्ग | How Miljul Man was Writen - Mridula Garg
मृदुला गर्ग : मिलजुल मन (उपन्यास अंश -3)  Mridula Garg's 'Miljul Man' Sahitya Akademi Award Winner 2013
मृदुला गर्ग की नयी कहानी 'बेन्च पर बूढ़े' Mridula Garg, Hindi Kahani, 'Bench par Budhe'
उनके (जगदम्बा प्रसाद दीक्षित) पासंग हिन्दी साहित्य में न कोई था, न है, न होगा - मृदुला गर्ग | Mridula Garg remembering Jagdamba Prasad Dixit