कोलकाता में 'जानकीदास तेजपाल मैनशन' पर आयोजित परिचर्चा में साहित्य-प्रेमियों की उमड़ी भीड़ - ‘ विमर्शों के इस दौर में जब साहित्य…
अँधेरे अरण्य के बीच पूनम सिन्हा जब अठारहवीं शताब्दी के अंत में जर्मनी का समूचा समाज सड़ांध मार रहा था तो बेहतरी की एकमात्र आशा देश के साहित्य …