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मेरे नारी चरित्र सुन्दर होते नहीं, सुन्दर प्रतीत होते हैं - मनीषा कुलश्रेष्ठ
हंस फरवरी 2013 "हिंदी सिनेमा के सौ साल"
वक्त रहते - जनसत्ता, चौपाल - भरत तिवारी
अशोक गुप्ता: कहानी - चाँद पर बुढिया
बात और बतंगड़ - सम्पादकीय जनसत्ता
बादल की घुड़की और बारिश की नादानियाँ - डॉ. सुनीता
"युद्ध नहीं" -  ओम थानवी
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