16 जनवरी की शाम एक खूबसूरत शाम थी, इसे खूबसूरत बनाया सुश्री ज़किया ज़ुबेरी जी , श्री तेजेंद्र शर्मा जी और साहित्य अकादमी , नई दिल्ली ने और…
सूखे पत्ते हरे-हरे पत्ते जिनसे सजती है टहनियाँ फिर ये ही पत्ते सूखकर टूटकर बिखर जाते हैं टूटे पत्तों का गिरना धरा पर है मात्र एक प्रक्र…
नई दिल्ली 17 जनवरी। हरियाणा साहित्य अकादमी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए सूचना दी है कि अकादमी का अगला विशेष साहित्य सेवी सम्मान ब्रिटेन…
“ इस कहानी के तमाम पात्र वास्तविक है। इनका कल्पना से कोई लेना‒देना नहीं है। अगर कोई इस कहानी में कोई खुद को ढूंढ ले तो वह संयोग नहीं होगा। ” …
“ इस कहानी के तमाम पात्र वास्तविक है। इनका कल्पना से कोई लेना‒देना नहीं है। अगर कोई इस कहानी में कोई खुद को ढूंढ ले तो वह संयोग नहीं होगा। ” :…
इन दिनों नेट पर, पत्र-पत्रिकाओं में लोग भावविह्वलता में दिल्ली में नृशंसता की शिकार हुई दामिनी के नाम पर कविताएँ लिख रहे हैं, गीत, छन्द, मुक…
श्री शिवरतन थानवी जी , जो जनसता के संपादक श्री ओम थानवी जी के पिता हैं । उन्होंने महान तुर्की कवि “नाज़िम हिकमत” की हिरोशिमा में झुलसी सात स…
उन्हीं के लोग चल रही है जोरदार बहस जोर जोर से चीखते हुए लोग सुनवाना चाहते हैं मनवाना चाहते हैं बात उन्हीं के वही लोग बाँट रहे हैं व…