ज़रूर कुछ मजबूरियां रही होंगी, वरना यूँहीं कोई बेवफा नहीं होता... — अभिसार हमारा कर्तव्य है सवाल पूछना, है न ? मगर इस पूरे संदीप कुमार …
इक्कीसवीं सदी और ट्रिपल तलाक़ — प्रितपाल कौर प्रितपाल कौर pritpalkaur@gmail.com +919811278721 देश में एक बार फिर मुसलमानों में प्रच…
एक ऐड-हॉक शिक्षक परमानेंट होने के लिए सालों दर साल अनेकों दरवाजे खटखटाता रहता है क्यूंकि "अब परमानेंट शिक्षक बनते नहीं, बल्कि बनाये जाते ह…
ज़रूरी होता है — ख़ुद को याद दिलाते रहना — कि लड़ाई आसान नहीं है, गगन गिल अपने आख्यान में पूछती हैं, "नारी की रूप-कामना ध्वंसकारी कब बनी?"…
1996 में हमारा टीवी दल कराची में दाऊद इब्राहिम के मकान की तलाश करने वाला पहला दल था — राजदीप सरदेसाई Narendra Modi of India Meets Pakista…
प्रितपाल कौर , वरिष्ठ पत्रकार और कथाकार, मूलत राजस्थान की रहने वाली। दिल्ली में बीस साल से। नब्बे के दशक में तेजी से कहानी की दुनिया में आईं। स…
राजेन्द्र राव से गीताश्री की बातचीत Rajendra Rao Interview by Geetashee बीसवीं सदी के आठवें दशक में एक रचनाकार ने जिस धमाकेदार अंदाज …