फेसबुक किसी महानगर के उपनगर की तरह हैं। इसमें अट्टालिकाएँ हैं, मॉल, बार और मैट्रो के अलावा हर माडल की गाडिय़ाँ, टैक्सियाँ, मोटर साइकल, स्कूटर, ऑटो,…
राजेन्द्र यादव ने मुझे अपनी बात कहने की पूरी आज़ादी दी राजेन्द्र यादव नहीं रहे, सोचकर हैरानी होती है कि वे अब नहीं हैं। दो-चार दिनों पहले तक वो…
राजेंद्र यादव स्मृति सभा जनवादी लेखक संघ, प्रगतिशील लेखक संघ, जन संस्कृति मंच, दलित साहित्य कला केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी के जा…
श्री राजेन्द्र यादव से जुडी बातों को "हिंदी भवन" सभागार में साझा करते हुए एस० आर० शर्मा
श्री राजेन्द्र यादव से जुडी बातों को "हिंदी भवन" सभागार में साझा करते हुए उनके परम मित्र श्री टी.एन. लालानी श्री राजेन्द्र यादव की य…
दुनिया की किसी भी भाषा के साहित्य की सामाजिक परिवर्तन में कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं होती । साहित्य हमेशा से सामाजिक परिवर्तन में अपनी अप्रत्यक्ष भूम…
मैंने अपना मोबाइल उठाया है, राजेंद्र जी और फोनबुक में आपके नाम तक पहुंची हूं। वह चमक रहा है, लग रहा है अभी उस नंबर से घंटी बजेगी और आप बोल पड़ेंगे। …
श्री राजेन्द्र यादव से जुडी बातों को "हिंदी भवन" सभागार में साझा करते हुए कथाकार संजीव .