Sahitya Akademi cordially invites you all to its FESTIVAL OF LETTERS 2014 (10-15 March 2014) साहित्य अकादमी में आपको सादर आमंत्रित करत…
ठेस - प्राण शर्मा दस-ग्यारह साल का भारतीय मूल का लड़का बस से उतरा ही था कि लगभग उसीकी उम्र के दो आयरिश लड़के उससे भिड़ गये। आँखें तरेर कर बोले -”…
निदा फाजली वो रूप था या रंग था, हर पल जो मेरे संग था मैंने कहा तू कौन है, उसने कहा तेरी नज़र दांये से बाएं साहित्य अकादमी अध्यक्ष विश्वनाथ प्…
अनुलता राज नायर अपने बारे में बताते हुये कहती हैं ... केमेस्ट्री में एम.एस.सी हूँ. पढ़ना बहुत पसंद है. कुछ सालों से लेखन से जुड़ी हूँ तथा दो साल प…
चौं रे चम्पू उल्लू ने सूरज पर मुकदमा किया —अशोक चक्रधर —चौं रे चम्पू! उल्लू, गधा, कुत्ता, जे गारी ऐं का? —ये प्रेमपूर्ण गालियां हैं। वैसे…
तमंचे पर डिस्को - प्रेम भारद्वाज एक फिल्म है ‘बुलेट राजा’। उसके एक गीत की पंक्ति है, ‘तमंचे पर डिस्को।’ गाना लोकप्रिय और बाजारू है, लेकिन यह मुझे जम…
यह बात सही है कि मौसम का असर जनजीवन पर पड़ता है और लोग सिकुड़ने लगते हैं लेकिन विचारों और विमर्श का सिकुड़ना चिंता का सबब होता है । दिल्ली का वि…
विसर्जन से पहले सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' प्रवासी दुकानों पर अभी भी अंतिम संस्कार का सामान आना शुरू नहीं हुआ है. शायद इसलिए क्य…
ऐसा तो नहीं कि मर्दवादी मानसिकता से लड़ते लड़ते हम खुद उसके शिकार हो गए हैं पहले लड़कियों की ड्रेस को लेकर, फिर उसकी देह को लेकर और अब उसके लेखन…