गालियाँ भक्तों की भक्ति जब पूरी तरह कलयुगी हो जाती है तब मन्त्रों में माँ-बहन-बेटी की गालियों के आने पर आश्चर्य की कोई बात नहीं होती. और …
लौटना है फिलवक्त जहाँ हूँ — अनिरुद्ध उमट "कोई कवि यशः प्रार्थी कवि है या नहीं, इसे जाँचने की मेरे पास एक ही कसौटी है। यदि वह मुझ स…
अपने पेशे के अवमूल्यन से शिक्षक आहत और क्रुद्ध — अपूर्वानंद अपना कार्यभार बढ़ाने के खिलाफ शिक्षक आन्दोलन कर रहे हैं । बहुत दिनों के बाद…
Itna Vikas ho raha hai to Galiyan kyon badh rahi hain ? - Ravish Kumar इतना विकास हो रहा है तो गालियां क्यों बढ़ रही हैं? मेरा तो मानना ह…
'वेल... मुझे जंगलों में घूमना अच्छा लगता है ... कभी -कभी वीकेंड्स में मैं फिशिंग के लिये जाता हूँ अकेला ... और बैठा रहता हूँ घंटों अपनी छो…