अनंत विजय लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैंसभी दिखाएं
हिंदी के मौजूदा उत्साही लेखकों में इतिहासबोध नहीं है — अनंत विजय
पहली बार — पहचानें — फेसबुक के साहित्यिक विदूषक @anantvijay
राज़ हैं पुस्तकों के संस्करण में   — अनंत विजय @anantvijay
लगा साहित्य में इंस्टैंट प्रसिद्धि का रोग — अनंत विजय @anantvijay
नाटक लेखन पर भारी इंस्टैंट प्रसिद्धि की चाहत —अनंत विजय @anantvijay
बिहार के कहानीकार रेणु के ढर्रे @anantvijay on contemporary Hindi literature