कई पार्टियों का दलाल तो बता ही दिया गया हूँ फिर भी उन्हीं बताने वालों को मुझी से उम्मीद रहती है कि सभी मुद्दों पर चर्चा कर या स्टेटस लिखकर पत्र…
‘सार्थक’ पहल के साथ जेएलएफ में उतरेगा राजकमल प्रकाशन गुलाबी शहर में साल की शुरूआत में ही आयोजित होने वाले सबसे बड़े साहित्य महोत्सव- जयपुर लिट…
विकास का मतलब पूरी दुनिया में अलग अलग तरीके से समझा गया है । जो इसके आलोचक हैं उनमें संवाद की ऐसी क्षमता नहीं है जिससे वे किसी विकल्प को स्थापित …
चुनाव तो हो चुका है रवीश की रपट लोगों के बीच घूमने से पता चलता है कि हवा का रुख़ क्या है । अब लगभग यह स्थापित होता जा रहा है कि नरेंद्र मोदी क…
कही ऐसा तो नहीं कि समाज में फैली जिस गंदगी को लेकर हम बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, उसका श्रोत भी हम ही हैं? रवीश का ये आलेख पढ़ कर, उनका दुःख समझ आता है.…
क्या मैं भी पिछले कुछ दिनों से अपने बारे में चर्चा सुन रहा हूँ । आस पास के लोगों का मज़ाक़ भी बढ़ गया है । क्या तुम भी 'आप' हो रहे हो ।…