Frail figure of incredible strength — Namita Gokhle The loss that literature faces with the loss of its crusader is immeasurable. Emine…
मैं सोचता हूँ के मोदीजी जब 5, 10 या 15 साल बाद देश के प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे तो उनकी विरासत क्या होगी ? देशभक्ति, विकास, "सबका साथ"…
Jeevan kya Jiya - 5 Namvar Singh जीवन क्या जिया! ( नामवर सिंह लिखित आत्मकथा का अंश) हिन्दी का गढ़ तो दिल्ली है, इलाहाबाद है, बनारस…
23, July 2016 भारत के मूर्द्धन्य चित्रकार सैयद हैदर रज़ा का आज सुबह ह्रदय गति रुक जाने से मैक्स साकेत अस्पताल में निधन हो गया। उनके अंतिम समय कवि-मित…
Jeevan kya Jiya - 4b Namvar Singh जीवन क्या जिया! ( आत्मकथा नामवर सिंह बक़लम ख़ुद का अंश) उधर द्विवेदी जी के विरुद्ध भी कम वि…
बड़े शहर के निवासी हो चले हम जब — अपने घर-गाँव अपनी जन्मस्थली, जहाँ बचपन बीता हो — जाते हैं तो दिल-ओ-दिमाग़ पर जो प्यारी-सी नमी छा जाती है उसे मैत्रे…
सचमुच वाजपेयी जी ने विरोध किया था। Jeevan kya Jiya - 4a Namvar Singh जीवन क्या जिया! ( आत्मकथा नामवर सिंह बक़लम ख़ुद का अंश) मै…
मं गलेश डबराल - कवितायेँ आसान शिकार मनुष्य की मेरी देह ताकत के लिए एक आसान शिकार है ताकत के सामने वह इतनी दुर्बल है और लाचा…