तमंचे की नोक पर स्त्री लेखन और हाशिए उलांघती औरत - गीताश्री समय बदला, तकनीक बदली, दुनिया की शक्लो सूरत बदल गई, रहन सहन बदल गए, जीवन शैली बदल …
ऐसा तो नहीं कि मर्दवादी मानसिकता से लड़ते लड़ते हम खुद उसके शिकार हो गए हैं पहले लड़कियों की ड्रेस को लेकर, फिर उसकी देह को लेकर और अब उसके लेखन…
गणतंत्र और स्त्री - मैत्रेयी पुष्पा यह कैसा गणतंत्र है कि महिला आरक्षण बिल कब से लटका पड़ा है। पंचायती राज में महिलाओं को जो आरक्ष…
नहीं .......अब नहीं कोसना तुम्हें - वंदना गुप्ता नहीं .......अब नहीं कोसना तुम्हें बहुत हो चुका आखिर कब तक एक ही बात बार - बार दोहराऊ…