युवा पीढ़ी के पास नैतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक सपने नहीं हैं... -कृष्ण बिहारी समय से बात -११ युवा पीढ़ी के पास जोश है. उत्साह है. …
दुष्कर्मी - प्राण शर्मा पंद्रह वर्ष की दीपिका रोते - चिल्लाते घर पहुँची। माँ ने बेटी को अस्त-व्यस्त देखा तो गुस्से में पागल हो गयी - "…
वर्तमान साहित्य, मार्च, 2015 साहित्य, कला और सोच की पत्रिका सदस्यता प्रपत्र डाउनलोड करें वर्ष 33 अंक 2 मार्च, 2015 सलाहकार संपादक: …
साहित्य के चोर-उचक्के -अनंत विजय हाल के दिनों में लेखकों की एक ऐसी पीढ़ी सामने आई है जो साहित्य को सीढ़ी बनाकर प्रसिद्धि हासिल करना चाह…
बादल बारिश भीजनहार -बलराम अग्रवाल बाबा राजराजेश्वर महाराज का, सोमनाथ पर मुहम्मद गज़नवी के हमलों वाले समय जितना पुराना मंदिर। अब से च…
स्याह-सफ़ेद दुनिया का सच -भावना मासीवाल समाज में मनुष्यता आज हाशिए पर है और हाशियाकरण की यह प्रक्रिया लंबे समय से मानवाधिकारों के हनन के रूप…
ये कहानी आपको बहुत पसंद आने वाली है ... हो सकता है कि आप सोचे कि 'यह कहानी क्यों प्रकाशित की गयी ' या फिर 'इतनी अच्छी कहानी - अभी त…