आपने ज़िक्र किया देश में सामाजिक न्याय का । कमजोरों पर हमले की निंदा की । हालांकि आपने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की तरह खुलकर बात नहीं की, जिसमें…
सोशल नेटवर्किंग साइट पर- वहां इन दिनों कविता का स्वर्णकाल चल रहा है । किसिम किसिम की कविता लिखी और पोस्ट जा रही है और एक खास किस्म की कविता को …
बरसात / Barsat इरा टाक / Era Tak — कब तक एक ही बात को लेकर बैठी रहोगी ? कितनी बार माफ़ी मांग तो चुका हूँ। अब बिना बात ही अपना और मेरा…
वार्षिक साहित्यिक सम्मानों के लिए प्रविष्टियाँ आमंत्रित रायपुर । अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी और हिंदी-संस्कृति को प्रतिष्ठित करने के लिए …
अनमैनेजेबिल का मैनेजमेण्ट : शुभम श्री की पुरस्कृत कविता — अर्चना वर्मा कविता के बने बनाये ढाँचे तो बीसवीं सदी में घुसने के साथ ही टूट …
अंजली के लिए, जो मुझे तब याद करती है जब उसे साहित्य का कुछ नहीं मिल रहा होता... दोपदी सिंघार पेटीकोट व अन्य कवितायेँ ... फेसबुक से आ…
वाह जितेन्द्र जी वाह, क्या ख़ूब मनभावन भाषा में कहानी कही है आपने. रागदरबारी याद आ गया. बड़े दिनों बाद आराम-से, लुत्फ़ उठाते हुए पढ़ने वाली कहानी मि…