इसमें कोई दो राय नहीं है कि हम सब सचिन को पसंद करते हैं। किन्तु ये भी एक सच है कि क्रिकेट में बीते दिनों से शुरू हुए अ-जेंटलमैनपन का लगातार बढ़ते जा…
(लन्दन) – “ प्रवासी हिन्दी साहित्य किसी भी तरह से मुख्यधारा के साहित्य से कमतर नहीं है। बेशक फ़िलहाल इसकी बहुत चर्चा नहीं हो रही है, मगर इस बात का …
तीनमूर्ति भवन सभागार, नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर, 2013 साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारतीय ज्ञानपीठ का वर्ष 2012 का ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ तेलु…
" सत्य बोलने का कोई समय नहीं होता । सत्य बोलने का जो समय चुनता है वो सत्य नहीं झूठ बोलता है । " अध्यादेश फाड़ने के बाद से राहुल गांधी रा…
अभी कुछ ही दिन पहले हमारे सामने एक परिदृश्य था जिसमें आसाराम बापू के चारों ओर उनके भक्तों का कवच इतना अभेद्य था, मानो वह कवच ही अपने में एक समग्र सं…