भारतीय मुसलमान और 2014 का आम चुनाव - शमशाद इलाही शम्स (कनैडा) यह भारत का पहला ऐसा चुनाव है जिसके एजेंडे से 20 करोड़ मुसलमान और 20 करोड़ दलित आबा…
मैं सेफ सीट का खेल नहीं खेल रहा - अरविंद केजरीवाल - सिद्धांत मोहन तिवारी समय तुरत-फुरत बदलावों का है। इस बदलाव भरे समय में बनारस की जनता ने म…
सेलेब्रटिंग कैंसर! - विभा रानी धन तो आप कहीं से भी जुटा लेंगे, लेकिन मन की ताकत आप सिर्फ अपने से ही जुटा सकते हैं। …
चौं रे चम्पू थाई पुण्यवी की अल्पना —अशोक चक्रधर —चौं रे चम्पू! कब लौटि कै आयौ बैंकाक ते? —कल रात ही लौटा हूं। तीन दिन पहले वहां एक…
Sheen Kaaf Nizam at Sabad- A World Poetry Festival by Sahitya Akademi & Ministry of Culture
तुम्हीं कहो कि यह अंदाज़े गुफ़्तगू क्या है विस्थापन और बेदखली की मारी अपनी सदी में वे ऐसे बहुत कम ख़ुशक़िस्मत लोगों में थे जो अपने पिता के बना…
अनजाने पते प्रज्ञा पाण्डेय कहीं दीप जले कहीं दिल। ---- ज़रा देख ले आके ओ परवाने , तेरी कौन सी है मंजिल ' गीत का अर्थ समझते घर पहुंचते-पहुंचत…
सूना हुआ जीवंत कोना अनंत विजय जिंदगी की पिच पर खुशवंत सिंह शतक से चूक गए जिंदगी की पिच पर खुशवंत सिंह शतक से चूक गए और निन्यानवे साल की…