Rasiya Ko Naar Banao Ri रवीन्द्र त्रिपाठी - समीक्षा - नाटक 'लेडीज संगीत' Manglesh Dabral, Ravindra Tripathi, Naresh Saxena…
हर स्थान कहानियों का स्त्रोत होता है, वह स्थान लेखक की भावना से होता हुआ कहानी में उतर आता है. अस्पताल एक संवेदनशील जगह होती है, लेखक के लिए व…
Jeevan kya Jiya - 3 Namvar Singh जीवन क्या जिया! ( आत्मकथा नामवर सिंह बक़लम ख़ुद का अंश) अजीब बात है कि लोगों को दुख की बातें, अपमा…
जिसे महायानी बौद्ध ‘म्यूचुअल पॅाजे़शन ऑफ टेन वर्लड्स’ कहते हैं, मध्यकालीन स्त्री की हँसी पर भी वह अवधारणा पूरी तरह लागू है — अनामिका म…
मैंने कभी अपने गुरुदेव हजारी प्रसाद द्विवेदी से पूछा था, ”सबसे बड़ा दुख क्या है?“ बोले, ”न समझा जाना।“ और सबसे बड़ा सुख? मैंने पूछा। फिर बोले, ”ठ…
मैंने कभी अपने गुरुदेव हजारी प्रसाद द्विवेदी से पूछा था, ”सबसे बड़ा दुख क्या है?“ बोले, ”न समझा जाना।“ और सबसे बड़ा सुख? मैंने पूछा। फिर बोले, ”ठ…