गारत हो दिमाग़! कमबख्त डिश कहीं की हो, क्या फ़र्क़ पड़ता है। पर दिमाग़ है कि सबकुछ नोट किये बिना मानता नहीं, बस जीवन की मुफ़लिस-सी आवाज़ में बयान …
ऑफ़ द स्क्रीन : टीवी रिपोर्टिंग की कहानियाँ mass communication books Hindi pdf free download अर्थात पत्रकारिता के छात्रों के लिए प्रैक्ट…
अरे आप समझ नहीं रहे हैं… ये कितना महत्वपूर्ण मुद्दा है. आप संपादक हैं आप ही निर्णय लें, देश के लिए क्या ज़रूरी है ये तो समझें. …
ये सच तो सभी जानते हैं कि अपनी पहली किताब हर कवि/लेखक को बेहद प्रिय होती है. अपने पहले कविता संग्रह ‘संतरंगी मन’ में मैंने जीवन के कई-कई …
क्या हम ऐसे बुज़दिल इंडिया में रहेंगे — रवीश कुमार प्रसून को इस्तीफ़ा देना पड़ा है। अभिसार को छुट्टी पर भेजा गया है। आप को एक दर्शक…
Suman Keshari सुमन केशरी के आगामी कविता संकलन 'लोहे के पुतले' से कुछ कवितायेँ जबसे दास्तान-गो महमूद फ़ारूक़ी से “दास्तान ए …