हिंदी व्याकरण पर, उसकी कमियों पर गलतियों पर सोशल मीडिया में चर्चाएं होती रहती है। कभी चंद्रबिंदु तो कभी स-श-ष तो कभी नुक्ते को होना चाहिए या नह…
आगे पढ़ें »आजकल की कहानियों के साथ किये जाने वाले प्रयोगों — जो अधिकांशतः असफल होते हैं — ने कहानी-कला का नुक्सान अवश्य किया होगा. लचर होती जाती कहानिय…
आगे पढ़ें »उपन्यास अंश: इश्क़ फरामोश ― प्रितपाल कौर प्रितपाल हिंदी में लिखती रहती हैं। इश्क़ फरामोश उनके जल्द बुकस्टाल पर आ रहे उपन्यास का शीर्ष…
आगे पढ़ें »कृष्णा सोबती: प्रतिरोध की आवाज़ —ओम थानवी कृष्णाजी से पाठक के नाते मेरा रिश्ता पुराना था। दिल्ली आने के बाद कुँवर नारायण, कृष्ण …
आगे पढ़ें »योगिता यादव बदलते समय पर कहानी — बन्नो बिगड़ गई — योगिता यादव बिगड़ना और सुधरना का माने वक़्त के साथ बदलता जाता है। कहानी कहे जाने का…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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