देवनागरी की महत्ता पर बापू का ख़त हिंदी-दिवस विशेष इस संस्करण को हिंदी में छापने के दो उद्देश्य हैं। मुख्य उद्देश्य यह है कि …
गोरखपुर से सिसकियाँ सुकृता पॉल कुमार अनुवाद: हर्षबाला शर्मा दम घोंटू काले धुंए से घिरा एक जीवित बम रख दिया गया हर छोटी…
इफ आई वर अ मुस्लिम — बरखा दत्त / अंग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद: भरत तिवारी बरखा दत्त ने पिछले दिनों ‘द वीक’ के अपने सम्पादकीय लेख ‘…
मेरी जब पत्रकारों से मुलाकात होती है वो मुझसे कहते हैं ‘हमें लिखने ही नहीं दिया जा रहा है जो लिखना चाहते हैं’ ‘सच की ताकत’ के ऊपर ‘ताकत …
टीआरपी संविधान के ब्योरों से कहीं अधिक माने रखती है... Brazenness with which Raj has proven that he is an extra-constitutional Sarkar Raj (o…
अम्मा, रस्मो रिवाजों के धागों से बनी तार-तार चुनर मुझसे वापस लेले मैं तो पैबंद लगाकर थक गयी वो अपनी बेटी को कैसे पेश करुँगी ? माँ मुझ…
सुकृता पॉल कुमार की कवितायेँ — अंग्रेज़ी और रेखा सेठी अनुदित हिंदी In the Throes of Time The calendar buzzed Around my ears …
भारत का दुर्भाग्य यह है कि आज़ादी के बाद भी अभिजात-सत्ताधारी 'बाँटों और राज करो' की नीति को चला रहे हैं — अमीश त्रिप…