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हज़ारों महफ़िलों की तू शमा था —  #राजेंद्र_यादव_जयंती —  भरत तिवारी
वही वाक़िये दोहराने लगे - भरत तिवारी #shair #ghazal
मैं ख़्याल हूँ किसी और का | Main Khayaal Hun Kisi Aur Ka | میں خیال ہوں کسی اور کا
भरत तिवारी: एक ग़ज़ल  | A Ghazal - Bharat Tiwari
बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं / bahut pahle se un qadmon ki aahaT jaan lete hain - Firaq Gorakhpuri