भला हो वरिष्ठ आलोचक रवीन्द्र त्रिपाठीजी का कि अपने शब्दांकन के फेसबुक लाइव ‘ एक पुस्तक पर पाँच मिनट ’ श्रृंखला में जैनेन्द्र कुमार …
सबसे पहले वह प्रतिक्रिया जो उदय प्रकाश जी को, उनकी नई कहानी 'अंतिम नीबू' को चार दिन पहले पार्थिव शाह जी के भेजने पर पढ़ने के बाद दी: स…
हिंदी साहित्य को धकियाती क्षेत्रीय, जातीय, नस्ली, स्त्री बनाम पुरुष, कविता कि कहानी तिस पर लेखन बनाम फेसबुक राजनीति से परे भी हैं कुछ लोग…
अचला बंसल अंग्रेज़ी साहित्य की सम्मानित भारतीय लेखक हैं. अंग्रेज़ी के साथ-साथ वह यदाकदा हिंदी कहानियाँ भी लिखती रही हैं. "चौथा कौन?"…
'बुकमार्क्स' कहानी पढ़िए । शालू 'अनंत' दिल्ली विश्वविद्यालय से एमए करने के बाद अब 'हाशियावाद' पर पीएचडी कर रही हैं …
कहानियों की भीड़भाड़ और धक्कामुक्की के बीच हम उन कहानियों को न भूल जाएँ जो कथा के मूल-सी हैं । ऐसी ही एक कहानी है शिवप्रसाद सिंह की ' दादी…
संपादक, कहानीकार अशोक मिश्र की कहानी 'बुद्धिराम @ पत्रकारिता डॉट कॉम' 2011 में परिकथा के युवा लेखन विशेषांक में प्रकाशित हुई थी. प…
हमारे समाज में भरपूर घट रही वह कहानी जिसमें स्त्री माँ बनती है और पुरुष? क्या हमारा पुरुष पिता बनने के बाद माँ बन चुकी पत्नी को समझता है? पढ़िए…
लेखक तरुण भटनागर की हंस में प्रकाशित हिंदी की लम्बी कहानी "ज़ख़्मेकुहन" Hindi Story कथाकार उपन्यासकार तरुण भटनागर अपनी …
Hindi Story आय विल कॉल यू! — रूपा सिंह यह मोबाइल फोन युग है, और सेक्स भला इससे कैसे अछूता रह सकता है? तकनीकी सम्पन्नता के बावजूद वैश्विक…